रशीद धोबी की अचानक मृत्यु हो गई. संयोगवश या सदमे से या फिर इस खुशी से कि अब उसे बो झ नहीं ढोना पड़ेगा, उस का गधा भी उसी दिन दुनिया से विदा हो गया.

बेचारे रशीद के खाते में कोई गलत काम तो था ही नहीं. सो, वह सीधा स्वर्ग के दरवाजे पर पहुंचा. लेकिन समस्या यह हुई कि पीछेपीछे उस का वफादार गधा भी आ गया और जिद करने लगा कि वह भी अपने मालिक यानी उन के संग स्वर्ग जाएगा. मगर दूतों ने उसे एंट्री देने से साफ इनकार कर दिया क्योंकि गधों के लिए स्वर्ग में रहने का कोई प्रावधान नहीं था.

रशीद ने गधे को सम झाया, ‘‘भाई, तू मेरा टाइम बरबाद मत कर और लौट जा. स्वर्ग में भला गधा कैसे रह सकता है?’’

परंतु गधा अड़ गया, ‘‘वाहवाह, जीवनभर आप की सेवा की, बो झ ढोता रहा, डंडे खाए, डांट सुनी और मरा भी तो आप के साथ. अब आप अकेले ही स्वर्ग में मजे लूटना चाहते हैं. सच है कि मनुष्य जैसा स्वार्थी जीव कोईर् दूसरा नहीं. लेकिन मैं तो आप के साथ ही रहूंगा.’’

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रशीद ने कहा, ‘‘देखो भई, यदि तुम कुत्ते होते, तो स्वर्ग जा भी सकते थे. दूसरा कोई जानवर इतना हाईफ्लाइंग नहीं हो सकता.’’

‘‘मैं कुछ सम झा नहीं?’’ गधे ने सिर हिलाते हुए कहा.

रशीद  झुं झला गया, ‘‘बात तो बिलकुल साफ है. तुम जैसे कितने ही जानवर हैं जो मनुष्य की सेवा करने के लिए जीवनभर कड़ी से कड़ी मेहनत करते हैं, जैसे बैल, भैंस, घोड़े, बकरी, भेड़. ऊंट आदि. क्या तुम ने इन सब की सुरक्षा, इलाज, फैशन, मेकअप, ब्यूटी शो या कुछ नहीं तो गुडलिविंग कंडीशन के लिए कभी किसी संस्था, किसी एनजीओ, किसी आश्रम या फेसबुक का नाम सुना है जो इन पशुओं को एडौप्ट करने यानी गोद लेने या सुरक्षा देने के लिए बनाई गई हो?

‘‘फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने अपने कुत्ते के लिए एक फेसबुक अकाउंट ‘बीस्ट’ के नाम से खोल रखा है. कुछ समय पहले नफीसा अली ने अपने कुत्ते ‘माचो’ की सेवा करने के लिए ग्लैमर की दुनिया से कुछ दिनों की छुट्टी ले ली थी. यही नहीं, उन्होंने अपने एक दूसरे पेट डौग की याद में इंग्लिश भाषा में एक पुस्तक भी लिख डाली जिस का नाम है, ‘हाऊ चीका बिकेम अ स्टार ऐंड अदर डौग स्टोरीज.’

‘‘गुल पनाग ऐसी दरियादिल हैं कि अपने कुत्ते माईलो को हवाई जहाज का सफर करवाती हैं और ऐसे होटलों में चेकइन करती हैं जहां कुत्तों के ठहरने की भी व्यवस्था हो. जैसा कि मुंबई के फोर सीजन होटल में.’’

‘‘लेकिन बहुत सारे कुत्ते गरीबी की हालत में इधरउधर मारे फिरते हैं. उन्हें तो कोई नहीं पूछता?’’ गधे ने एतराज किया.

रसीद हंस पड़ा, ‘‘इतनी सी बात नहीं सम झे? आखिरकार हो तो तुम गधे ही. सुनो भाई, फाइवस्टार लाइफ कौन गुजारता है? अमीर और चमकीले लोग. तो, कुत्ते भी वही मौज करते हैं जो उच्च कोटि यानी उच्च वंश के हों. जैसे, अमिताभ बच्चन ने एक शैनौक पाल रखा है. शाहरुख खान ने अपने लिए 2 कुत्ते विदेश से इंपोर्ट करवाए थे, तो प्रियंका चोपड़ा एक कोकर स्पैनियल ब्रांड के इश्क में डूबी हुई थीं.’’

गधे ने रशीद का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘‘आप का सामान्य ज्ञान काफी वीक है. आप को यह पता नहीं कि अब देशी गरीब कुत्तों का समय भी आ गया है. सुना है हौलीवुड की स्टार पामेला एंडरसन ने कुछ दिनों पहले मुंबई के एक अनाथ कुत्ते यानी सड़क पर फिरने वाले आवारा कुत्ते को एडौप्ट किया यानी गोद लिया है.’’

‘‘यह तो एक अपवाद है. प्रश्न यह है कि क्या आज तक किसी ने दूसरे किसी पशु को गोद लिया है? गाय व भैंस जिन के दूध के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है, उन की लिविंग कंडीशन क्या है? वे  कितनी गंदी, गीली, कूड़ेकरकट तथा कीड़ेमकोड़े से भरी हुई जगहों में बांधी जाती हैं. चारे के नाम पर उन्हें जूठन व सूखी घास खाने को मिलती है,’’ गधे के मालिक रशीद ने कहा.

अब गधे ने धीरे से व्यंग्य किया, ‘‘लेकिन, गाय माता का तो बहुत आदरसत्कार करते हैं.’’

रशीद भड़क उठा, ‘‘ऐसे पाखंड से उसे क्या लाभ पहुंचता है? क्या कभी किसी ने गाय को अपना पेट बनाया है? क्या कोई उस के गले में किसी फैशन डिजाइनर का बनाया हुआ बहुमूल्य चमकता हुआ पट्टा डाल कर शान से सैर करने निकला है? पनीर, दही, मक्खन, आइसक्रीम व दूध से बने अन्य हजारों व्यंजन बेच कर मिलियन और बिलियन कमाने वाले किस इंडस्ट्रियलिस्ट ने अपनी गायभैंसों के लिए फेसबुक अकाउंट खोला है?

‘‘उन के रहने की जगह को क्या एयरकंडीशंड बनाया है? उन के गले में बांहें डाल कर क्या अपनी तसवीर छपवाई या पोस्ट की है? प्रतिदिन 100 एवं 200 टन लोहे की छड़ें, पत्थर, सीमेंट और ईंटों आदि से भरी गाड़ी खींचने वाले और उस पर भी गाड़ीवान के हंटर खाने वाले मासूम बेजबान बैल और भैंसे के बारे में किसी ने कोई पुस्तक लिखी है? क्या कोई एनजीओ गठित हुआ?’’

‘‘आखिरकार, ऐसा अन्याय क्यों है?’’ गधा बेचारा बड़ा हैरान था.

‘‘इसलिए कि मनुष्य को पक्षपात की आदत पड़ चुकी है. सो, हमारी हाईटैक मौडर्न सोसाइटी केवल ऊंची नस्ल के विदेशी कुत्तों को ही महत्त्व देती है. साईं आश्रम डौग एडौप्शन हो या फैंडीकोज, इन साइटों के सारे पेज इसी तरह के कुत्तों की तसवीरों से भरे पड़े हैं. सो, अब तुम भी मेरा रास्ता छोड़ दो, और जा कर विधाता से शिकायत करो,’’ रशीद ने अपनी बात रखी.

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रशीद के तर्कों को सुन कर बेचारा गधा लाजवाब हो कर वापस जाने लगा. इतनी देर में स्वर्ग में एंट्री का समय समाप्त होने लगा और द्वार बंद किए जाने लगे.

रशीद के पैरोंतले मानो आकाश सरकने लगा. गधा भी पछता रहा था. गधे को सहसा एक आइडिया, फ्लैशलाइट की भांति कौंधा. जल्दी से उस ने कुत्ते की आवाज बना कर भौं…भौं…भौं… जोर व शोर से भूंकना शुरू कर दिया. रशीद को भी इशारा मिल गया था. उस ने तुरंत गधे  के गले में बांहें डाल दीं और बड़े गर्व से दूतों से बोला, ‘‘जी, यह मेरा पेट अलसेशियन गुड्डू है. यह एक फैंसी ड्रैस शो, मेरा मतलब है डौग फैंसी ड्रैस शो, में भाग लेने गया था. सहसा इसे मेरी मृत्यु की खबर मिली तो मेकअप और कौस्ट्यूम चेंज किए बिना ही मेरे पीछेपीछे भागता हुआ आ गया. प्रेम और वफा तो इसे कहते हैं. आई लव माई गुड्डू.’’

रशीद ने भावविभोर होने की अच्छी अदाकारी की. दूत प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके. ‘‘औफकोर्स, लव और वफादारी का यह अतुल्य नमूना है.’’ एक दूत ने प्रशंसाभरी निगाहों से उसे निहारते हुए कहा.

दूसरे दूत गधे की ओर देखते हुए नम्रता से बोले, ‘‘वाट अ वंडरफुल डौग. यू कैन टेक योर मास्टर विद यू. रशीद भी तुम्हारे साथ स्वर्ग जा सकता है. वी हैव नो औब्जैकशन.’’

‘‘हिपहिपहुरररे’’ रशीद और उस का गधा शीघ्रता से दौड़ कर स्वर्ग के भीतर प्रवेश कर गए.

उन दोनों में आज भी यह विवाद जारी है कि कौन किस की चतुराई के कारण स्वर्ग के मजे लूट रहा है.

पाठक महोदय, आप किस का झ्र साथ देंगे…

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