अनुभव को नयानया मैनेजर बनाया गया था. अब उस की जिंदगी में एक ही चीज महत्त्वपूर्ण रह गई थी और वह था काम. इस के सिवा वह कहीं अपना वक्त जाया नहीं करता. यहां तक कि रिश्तों को संभालने या दोस्तों के साथ हंसीमजाक भी नहीं. वह  सुबह औफिस चला जाता और पूरा दिन फाइलों में गुम रहता. देर रात घर लौटता. तब तक उस के बच्चे सो चुके होते. पत्नी से भी केवल काम की बातें करता. बाकी समय अपने मोबाइल या लैपटौप में बिजी रहता. समय के साथ उस के जीवन में हर तरफ से उदासीनता पसरती चली गई. औफिस कुलीग्स भी उस से कटने लगे. पत्नी से झगड़े बढ़ने लगे. खुद बहुत चिडि़चिड़ा रहने लगा. इतना चिड़चिड़ा रहने लगा कि बच्चों का मस्ती करते हुए चीखनाचिल्लाना भी बरदाश्त नहीं कर पाता और उन पर हाथ उठा देता. अकसर बीमार भी रहने लगा.

एक दिन अनुभव के एक डाक्टर दोस्त ने उसे अच्छे संबंधों की आवश्यकता और मानसिक खुशी के सेहत पर पड़ने वाले असर के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उसे जीवन जीने का सही तरीका सिखाया. तब अनुभव को भी समझ में आ गया कि रिश्तों से कट कर वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता, समयसमय पर पौधों की तरह रिश्तों को प्यार और विश्वास के पानी से सींचते रहना जरूरी है.

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इन बातों को ध्यान में रखेंगे तो रिश्ते और जिंदगी में प्यार बना रहेगा:

जिंदगी को बहुत सीरियसली न लें

कुछ लोग जिंदगी को इतना सीरियसली ले लेते हैं कि वे जीवन में छोटेमोटे उतारचढ़ाव को भी स्वीकार नहीं कर पाते और डिप्रैशन में चले जाते हैं, जबकि व्यक्ति का व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए कि बड़ी से बड़ी आंधी भी मन को विचलित न कर सके. लोगों से उलझने के बजाय बातों को हंसी में टालना सीखना चाहिए. इस से रिश्तों में कभी गांठ नहीं पड़ती और आप के अंदर की प्रसन्नता भी कायम रहती है.

थैंकफुलनैस जरूरी

अध्ययनों के मुताबिक आप जिन बातों के लिए दूसरों के शुक्रगुजार हैं उन्हें एक डायरी या मोबाइल में लिख लेने से मन में अलग सी खुशी पैदा होती है. ऐसा करना आपसी रिश्तों के साथसाथ सेहत के लिए भी काफी लाभकारी होता है. कई दफा हम किसी शख्स की उन बातों पर फोकस करने लगते हैं जब उस ने हमारे साथ बुरा किया. इस से हमारा व्यवहार भी उस के प्रति कठोर हो जाता है. इस से रिश्ते में कड़वाहट आने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में लिखी उन पुरानी बातों को पढ़ें जब उस ने आप की मदद की थी, कुछ अच्छा किया था. इस से आप के दिमाग को बहुत सुकून मिलेगा और आप ज्यादा संतुलित और मैच्योर तरीके से उस परिस्थिति से निबट पाएंगे.

‘पर्सनल रिलेशनशिप’ नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक वैसे कपल्स जो अपनी रिलेशनशिप में एकदूसरे के प्रति थैंकफुलनैस कायम रखते हैं उन में तलाक कम होते हैं.

गहरे रिश्ते जरूरी

जब आप किसी के साथ बिना किसी छलकपट के दिल से जुड़े होते हैं, उस के सुखदुख को अपना महसूस करते हैं और अपने दिल की हर बात उस से शेयर करते हैं, तो आप का मन बहुत हलका रहता है. खुश रहने के लिए इस तरह के गहरे रिश्ते बनाने जरूरी हैं, क्योंकि जब आप कुछ लोगों के साथ गहराई से जुड़े होते हैं तो वे आप के गम को आधा और खुशियों को दोगुना कर देते हैं. ऐसे रिश्ते में औपचारिकता नहीं वरन अपनापन होता है.

सोशल मीडिया का बढ़ता हस्तक्षेप

काम में व्यस्त रहने के साथसाथ आजकल रिश्तों में आती दूरियों की खास वजह लोगों के जीवन में सोशल मीडिया का बढ़ता हस्तक्षेप भी है. आजकल लोग गैजेट्स की दुनिया में कुछ इस कदर व्यस्त रहते हैं कि उन्हें अपने आसपास बैठे लोगों की भी परवाह नहीं रहती. आजकल काल्पनिक दुनिया के रिश्ते वास्तविक रिश्तों पर भारी पड़ने लगे हैं. वे इस तरह व्यस्त तो हैं, मगर प्रसन्न नहीं. वास्तविक प्रसन्नता और सेहत के राज जानने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अब तक का सब से विस्तृत और लंबा शोध किया.

‘हार्वर्ड स्टडी औफ एडल्ट डैवलपमैंट’ नाम का यह अध्ययन 1938 में शुरू हुआ, जिस में 800 से ज्यादा लोगों के जीवन के हर पहलू का व्यापक अध्ययन किया गया. करीब 8 दशक चले इस अध्ययन में 3 समूहों के लोगों को जोड़ा गया. पहले समूह में 268 उच्च शिक्षित हार्वर्ड ग्रैजुएट्स थे, दूसरा समूह 456 लोगों का था जो बोस्टन के करीबी इलाके के लड़कों का था. ये विपरीत परिस्थितियों में रह रहे थे. तीसरे समूह में 90 महिलाओं को लिया गया. सालों तक इन के जीवन के व्यापक अध्ययन के बाद जो निष्कर्ष सामने आया वह था, अच्छे संबंध हमें खुश और सेहतमंद रखते हैं.

यहां अच्छे संबंधों का तात्पर्य गहरे और मजबूत रिश्तों से है. अकेलापन हमारे गम और डिप्रैशन को बढ़ाता है, जबकि रिश्तों की मिठास गमों को कम करने में मददगार होती है. रिश्ते बहुत सारे हों यह जरूरी नहीं, मगर जो भी रिश्ता हो वह मजबूत और गहरा हो. भले ही आप रिश्तेदारों से जुड़े हों या दोस्तों से, मगर रिश्तों की नींव मजबूत होनी चाहिए.

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आइए, जानते हैं कैसे रिश्तों को मजबूत बनाया जा सकता है:

माफ करना सीखें

बेवजह किसी के प्रति दिल में कड़वाहट रखने की आदत न सिर्फ रिश्तों को कमजोर बनाती है, वरन आप की अपनी मानसिक सेहत के लिए भी खतनाक होती है. ऐसे में बेहतर है कि आप सारे गिलेशिकवे भूल कर दिल से लोगों को माफ करना सीखें. इस से मन में सुकून और जीवन में उमंग कायम रहती है.

धोखा न दें

रिश्तों के बीच रुपएपैसे, शक की गुंजाइश आदि न आने दें. प्यार बहुत मुश्किल से होता है. रिश्ते बहुत धीरेधीरे मजबूत होते हैं. यदि आप सामने वाले के साथ कुछ रुपयों के लिए बेईमानी कर जाएं, उस के विश्वास को तोड़ दें, तो फिर उस के साथ आप के रिश्ते में मधुरता नहीं रह जाती. आप उस व्यक्ति को खो बैठते हैं. खुद आप को भी कभी न कभी इस बात का एहसास जरूर होता है कि आप ने उस के साथ गलत किया है. तब आप को अफसोस होगा और आप जीवन की वास्तविक खुशियों से दूर होते चले जाएंगे.

मदद करना सीखें

जिंदगी ने आप को जो भी दिया है उस का प्रयोग लोगों की मदद करने में करें. खुद आगे आएं. और जितना संभव हो उतना दूसरों की मदद करें. इस से आप के मन को प्रसन्नता मिलती है. कभी अपने किए काम का राग न अलापें, किसी की मदद कर भूल जाएं. ऐसे व्यक्ति से सभी रिश्ता बनाए रखना चाहते हैं.

अपने अहं को आड़े न आने दें

रिश्तों के बंधन को अपने इगो के हाथों टूटने न दें. रिश्तों में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता. किसी के आगे झुकने से यदि रिश्ता टूटने से बच जाता है तो इस में कोई बुराई नहीं, क्योंकि रुपएपैसों से ज्यादा कीमती रिश्ते होते हैं. किसी की सफलता पर खुश होने के बजाय आप चिढ़ने लगेंगे, उसे नीचा दिखाने का प्रयास करेंगे, तो समझ लीजिए कि आप जीवन की सब से महत्त्वपूर्ण संपत्ति यानी उस रिश्ते को खोने वाले हैं.

अपेक्षाएं कम रखें

अकसर हम अपने करीबी लोगों से जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं रखने लगते हैं. मगर जब वे पूरी न हों तो दिल में खटास पैदा हो जाती है. तब हम रिश्तों को कायदे से नहीं जी पाते. अपेक्षाएं हमें दुखी करती हैं और रिश्तों में खटास लाती हैं. इसलिए बेहतर है कि हम अपनी तरफ से किसी भी रिश्ते को अपना संपूर्ण दें, मगर सामने वाले से किसी बदले की इच्छा न रखें.

इन सभी बातों के साथसाथ अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा समय अपनों के लिए जरूर निकालें. इस से जहां रिश्तों में जान बनी रहती है वहीं मन भी खुश रहता है और तब आप अपना काम दोगुने उत्साह से कर पाते हैं.

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