मोहब्बत के दुश्मन: भाग 1

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आखिरी भाग

पूजा के धौलपुर से आने के बाद गांव में पंचायत भी हुई थी, जिस में दोनों के मिलने पर पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन प्रेमी युगल ने पंचायत का फरमान नहीं माना. घर वालों की बंदिशों के बाद भी पूजा छिपछिप कर श्यामवीर से मिलती रही.

26 जून, 2019 को श्यामवीर धौलपुर से गांव आया हुआ था. उस के छोटे भाई कान्हा ने पुलिस को बताया कि रात को भाई उस के साथ पशुओं के बाड़े के बाहर सो रहा था. रात लगभग 11 बजे उस के मोबाइल पर फोन आया. फोन सुन कर बिस्तर से उठ कर चला गया.

कान्हा के मुताबिक, उस ने सोचा कि कोई काम होगा इसलिए भाई कहीं चला गया होगा. इसलिए वह सो गया. श्यामवीर के गांव में आते ही पूजा के परिजन सतर्क हो गए थे. उन्हें लगता था कि पाबंदी के बाद भी पूजा श्यामवीर से बात करती है.

26 जून की रात 11 बजे पूजा ने ही श्यामवीर को फोन किया था. योजना के अनुसार दोनों पूजा के घर के पास चरी के एक खेत में मिले. प्रेमी को देखते ही पूजा उस के सीने से लग गई. उस ने श्यामवीर से कहा कि वह उसे अपने साथ ले जाए. अब वह घर वालों की पाबंदी बरदाश्त नहीं कर सकती.

हमारी जातियां अलग होने से मेरे परिवार वाले शुरू से ही हमारी शादी का विरोध कर रहे हैं. अब वह उस से एक पल भी दूर नहीं रह सकती. श्यामवीर ने पूजा को समझाया, ‘‘कुछ दिन की बात है, तुम्हारे बालिग होते ही मैं तुम्हें अपने साथ ले जा कर शादी कर लूंगा. फिर हम दोनों को कोई अलग नहीं कर सकेगा.’’

घटना के बाद पुलिस ने पूजा की मां मुनीश व बड़ी बहन रूमिका को हिरासत में ले लिया था. इस के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ दबिश दे कर पूजा के पिता मोहनलाल, भाई कमल तथा चाचा रामनिवास को भी गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने पुलिस के सामने प्रेमी युगल की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया.

पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पूजा ने पिता मोहनलाल ने दोनों की हत्या की वारदात की कहानी बयां करते हुए बताया कि श्यामवीर और पूजा को कई बार साथ छोड़ने को समझा चुके थे. दोनों को कई बार बात करते हुए भी पकड़ा गया. हर बार उन्हें हिदायत दे कर छोड़ दिया गया, लेकिन दोनों नहीं माने.

रात डेढ़ बजे पूजा के पिता मोहनलाल की आंखें खुलीं तो देखा, पूजा बिस्तर पर नहीं थी. घर वाले उस पर पैनी नजर रख रहे थे. घर में उस की तलाश की गई. लेकिन वह नहीं मिली.

पिता ने सोचा कि पहले की तरह श्यामवीर के साथ न चली गई हो. रात में ही घर वालों को जगा कर यह बात बताई गई. इस के बाद पूरा परिवार पूजा की तलाश में जुट गया.

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दोनों घर से कुछ दूरी पर चरी के खेत में मिल गए तो दोनों को पकड़ लिया गया. इसी बीच पूजा की मां मुनीशा और बड़ी बहन रूमिका भी वहां आ गईं. पूजा को श्यामवीर के साथ देख क्रोधित घर वालों ने उसे पीटना शुरू कर दिया.

पूजा ने उसे बचाने की कोशिश की. घर वालों के सामने दोनों ने कहा कि हम साथ रहना चाहते हैं. साथ नहीं रहने दिया गया, तो जान दे देंगे. यह सुन कर घर वालों का खून खौलने लगा. श्यामवीर को भागने का मौका भी दिया गया, लेकिन वह अकेला जाने को तैयार नहीं था. इस के बाद दोनों की जम कर पिटाई की गई.

दोनों ने एक साथ भागने का प्रयास भी किया लेकिन उन के चंगुल से न छूट सके. पूजा के परिजनों ने श्यामवीर को लाठीडंडों से जम कर पीटा. उसे गिरा कर उस का मुंह जमीन में दबाया, कुछ लोग उस के ऊपर बैठ गए और उस की हत्या कर दी.

पूजा श्यामवीर को छोड़ने के लिए चीखती रही, लेकिन सुनसान इलाके में उस की चीख सुनने वाला कोई नहीं था. पूजा की आंखों के सामने ही उस के प्रेमी की हत्या कर दी गई. पूजा ने उन्हें हत्या करते देख लिया था. उन्होंने उस से पूछा कि वह क्या चाहती है, इस पर वह चीखने लगी, ‘‘अब मेरी दुनिया उजड़ गई है. मैं जिंदा नहीं रहना चाहती.’’

यह सुन कर बड़ी बहन रूमिका ने नाखूनों से उस का चेहरा नोंच लिया.  पिता ने बताया कि पूजा अगर दूसरी जगह शादी करने को तैयार हो जाती तो उसे छोड़ देते. उस के इनकार करने पर दुपट्टे से उस का भी गला घोंट दिया गया.

दोनों की हत्या के बाद उन के शव ठिकाने लगाने की तैयारी थी, लेकिन तब तक सुबह हो चुकी थी. इसलिए उन की लाशों को नाले के पास खेतों में डाल दिया गया.

दोनों की हत्या के बाद पिता व भाई घर में ताला लगा कर फरार हो गए. जाने से पहले कमल ने अपने फोन से रूमिका से 100 नंबर पर फोन कराया. उस ने अपना नाम रूमिका कुशवाहा बताते हुए पुलिस को जानकारी दी कि उस की बहन पूजा को गांव का ही रहने वाला श्यामवीर तोमर जबरदस्ती अपने साथ ले जा रहा था. गांव वालों ने दोनों को पकड़ लिया है और दोनों को पीट रहे हैं.

यह जानकारी दे कर वह अपने घर वालों को निर्दोष साबित करने के साथ ही पुलिस को गुमराह करना चाहती थी. जबकि हकीकत यह थी कि तब तक दोनों की हत्या की जा चुकी थी.

जिस समय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, उस समय श्यामवीर का शरीर ठंडा पड़ चुका था और हाथपैर अकड़ गए थे. जबकि पूजा का शरीर गरम था. इस से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि पहले श्यामवीर की और बाद में पूजा की हत्या की गई थी.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी पूजा के घर वालों के कथन की पुष्टि हुई कि श्यामवीर की मौत पिटाई और पूजा की पिटाई व गला घोंटने से हुई थी.

प्रेमी श्यामवीर और प्रेमिका पूजा की प्रेम कहानी भले ही 2 साल की थी, लेकिन वे मौत के मुंह तक साथसाथ जाने की कसम खा चुके थे. बुधवार की रात को पूजा के घर वालों ने उन की हत्या से पहले दोनों को बैठा कर एकदूसरे का साथ छोड़ने को कहा था. जान से मारने की धमकी भी दी थी. मगर वे जुदा होने को तैयार नहीं हुए थे.

प्रेमी युगल की हत्या के मुकदमे में 6 नामजद हैं. पुलिस को आशंका है कि घटना में इस से अधिक लोग शामिल थे. घर वाले बेटी की प्रेम कहानी से अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे थे. उन्हें लग रहा था कि बेटी ने बिरादरी में उन की नाक कटा दी है. उन के सिर पर खून सवार था.

एसपी देहात (पश्चिम) रवि कुमार ने बताया कि आरोपी पुलिस को गुमराह कर रहे थे. पहले बता रहे थे कि सिर्फ 2 ही लोग खेत में गए थे. लगातार पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि हत्या के समय आधा दरजन से अधिक लोग खेत में मौजूद थे.

औनर किलिंग में शुक्रवार को पुलिस ने पूजा के पिता मोहनलाल, मां मुनीशा, भाई कमल, बहन रूमिका, चाचा रामनिवास को गिरफ्तार कर के न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

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—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

सौजन्य: मनोहर कहानी

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