भारतीय पहलवान नरसिंह यादव की किस्मत ने अचानक से फिर पलटी खाई और खेल पंचाट ने राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी द्वारा उन्हें दी गई क्लीन चिट को खारिज करते हुए ओलंपिक से बाहर करने के साथ डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण चार साल का प्रतिबंध लगा दिया.

विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा ) ने नाडा द्वारा नरसिंह को दी गई क्लीन चिट के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की थी. खेल पंचाट ने कल चार घंटे तक चली सुनवाई के बाद जारी बयान में कहा, ‘संबंधित पक्षों को सूचित किया जाता है कि अपील स्वीकार कर ली गई है और नरसिंह यादव पर आज से चार साल का प्रतिबंध लगाया जाता है और अगर उस पर पहले अस्थायी निलंबन लगाया गया था तो वह अवधि इसमें से कम कर दी जायेगी.’

इसमें कहा गया, ‘ इसके अलावा 25 जून 2016 से लेकर अब तक नरसिंह के सभी प्रतिस्पर्धाओं में नतीजे खारिज हो जायेंगे और उनके पदक, अंक, पुरस्कार वापिस ले लिये जायेंगे.

खेल पंचाट की पैनल यह मानने को तैयार नहीं है कि वह साजिश का शिकार हुआ है. इसके कोई सबूत नहीं है कि उसकी कोई गलती नहीं थी और डोपिंग निरोधक नियम उसने जान बूझकर नहीं तोड़े. इसीलिये पैनल ने उस पर चार साल का प्रतिबंध लगाया.’ इसके साथ ही नरसिंह के रियो ओलंपिक के सफर की विवादों से भी दुखद दास्तान का अंत हो गया.

नरसिंह का नाम ओलंपिक कार्यक्रम में था और उसे क्वालीफिकेशन दौर में फ्रांस के जेलिमखान खादजिएव से खेलना था लेकिन खेल पंचाट के फैसले ने उनकी सारी उम्मीदें तोड़ दी. नरसिंह पूरे समय कहते रहे कि उनके विरोधियों ने उनके खिलाफ साजिश करके उनके खाने या पीने में कुछ मिला दिया था.

खेल पंचाट ने कहा, ‘ वाडा ने भारत के नाडा के फैसले के खिलाफ खेल पंचाट के तदर्थ विभाग में आपात याचिका दायर की थी. नरसिंह 25 जून और पांच जुलाई को दो डोप टेस्ट में नाकाम रहे. नरसिंह ने कहा कि वह साजिश के शिकार हुए हैं. वाडा ने अनुरोध किया कि उन पर चार साल का प्रतिबंध लगाया जाये.’

पिछले साल लॉस वेगास में विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक जीतकर कोटा हासिल करने वाले नरसिंह का रियो तक का सफर कठिनाई से भरा रहा. उन्हें दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार पर तरजीह देकर चुना गया था. सुशील ने नरसिंह को दिल्ली उच्च न्यायालय में घसीटा और कानूनी लड़ाई के बाद फैसला नरसिंह के पक्ष में गया.

एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता नरसिंह जून में डोप टेस्ट में प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन के दोषी पाये गए थे. सोनीपत स्थित साइ सेंटर में उनके रूममेट भी डोप टेस्ट में नाकाम रहे लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ ने नरसिंह का यह कहकर साथ दिया कि वह साजिश के शिकार हुए हैं. ओलंपिक से कुछ दिन पहले उन्हें नाडा ने क्लीन चिट दी और कहा कि वह साजिश का शिकार हुए हैं. वाडा ने हालांकि इस फैसले को खेल पंचाट में चुनौती दी थी.

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