समाजवादी पार्टी में अमर सिंह के बाद अब जया प्रदा की भी वापसी की राह बन गई है. जया प्रदा को फिल्म विकास परिषद का उपाध्यक्ष बनाया जा रहा है. अमर सिंह और जया प्रदा समाजवादी पार्टी में बहुत समय पहले रहे, फिर पार्टी से बाहर हुये. अब अमर सिंह के राज्यसभा सदस्य बनने के बाद जया प्रदा को भी उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद का उपाध्यक्ष बनाकर मंत्री स्तर का दर्जा दिया जा सकता है. विधानसभा चुनाव के पहले सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव अपने पुराने भरोसेमंद साथियों को अपने साथ जोड़ लेना चाहते है. वह पूरी ताकत और भरोसे के साथ विधानसभा चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं. असल में मुलायम सिंह यादव की नजर एक बार फिर से दिल्ली की कुर्सी पर है. वह पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह से विकास चाहते थे, वह अखिलेश यादव सरकार में नहीं हो पाया है. ऐसे में दिल्ली की कुर्सी तक पहुंचना सरल काम नहीं है.
मुलायम अब अपने पुराने साथियों के भरोसे से दिल्ली की कुर्सी पर अपना दावा मजबूत करने में लगे हैं. दिल्ली की कुर्सी के लिये मुलायम का मुकाबला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से है. 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्मीद की जा रही है कि देश में गैर कांग्रेस और गैर भाजपा की सरकार बन सकती है. ऐसे में प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार बिहार और उत्तर प्रदेश से हो सकते हैं. अगर समाजवादी पार्टी 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव जीत लेगी, तो दिल्ली की कुर्सी पर उसका दावा मजबूत हो सकता है. उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटे हैं जो देश में सबसे अधिक हैं. दिल्ली में सरकार बनाने के लिये जिस मजबूत ताने बाने की जरूरत है, वह अखिलेश यादव टीम में नजर नहीं आ रही है. इस बात को लेकर मुलायम सिंह यादव चिन्ता में रहते हैं. वह कई बार यह कह चुके हैं कि देश के दूसरे राज्यों में सपा के विस्तार के लिये जो काम होना चाहिये, वह नहीं हो रहा है.
इस समय लोकसभा में मुलायम परिवार के 5 और राज्य सभा में 1 सदस्य है. दिल्ली की राजनीति में किसी एक परिवार के इतने सदस्य कभी नहीं रहे हैं. भविष्य में भी ऐसी उम्मीद कम ही दिखती है. मुलायम को लगता है कि इतनी बड़ी ताकत के बाद भी वह दिल्ली की दौड़ में पीछे रह गये, तो सबसे खराब बात होगी. ऐसे में वह अमर सिंह और जया प्रदा जैसे पुराने लोगों को पार्टी में जोड़ लेना चाहते हैं. जिससे दिल्ली में उनकी आवाज बुलंद रहे. देखने वाली बात यह है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुलायम की समाजवादी पार्टी क्या कमाल दिखाती है? दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश हो कर ही जाता है. जो उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों को जीत लेगा, वह ही दिल्ली पर अपनी दावेदारी ठोक पायेगा.