‘रेप पॉलिटिक्स’ ने उत्तर प्रदेश की छवि को फिर से बिगाडने का काम शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हाईवे पर गाडी को रोक कर मां-बेटी के साथ रेप की घटना ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को गर्म कर दिया है. दिल्ली में लोकसभा से लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक राजनीतिक बयानबाजी से तेज हो गई है. राज्यसभा में जब बसपा नेता मायावती ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध का मुद्दा उठाया और प्रदेश की समाजवादी सरकार को बर्खास्त करने की मांग शुरू कर दी. मायावती का जवाब देती सपा नेता अभिनेत्री जया बच्चन ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर राजनीति नहीं होनी चाहिये. बुलन्दशहर रेप कांड को समाजवादी नेता और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खां ने राजनीति से प्रेरित बताकर राजधानी लखनऊ में रेप पर विवाद को हवा दी तो भाजपा के प्रवक्ता आईपी सिंह ने आग में घी डालने का काम किया.

महिलाओं के खिलाफ अपराध को बहुत ही संवेदनशील होकर देखने की जरूरत होती है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुलदंशहर प्रकरण को बहुत तेजी से हल करने का काम किया. उनकी मंशा को समझते हुये पुलिस विभाग के आला अफसर मौके पर गये. यह बात सही है कि पुलिस अगर हाईवे पर पेट्रोलिंग सही से करती तो ऐसे अपराध न होते. पुलिस की कमी है कि वह गश्त को सही तरह से अंजाम नहीं देती. अपराध के खिलाफ होने वाले मुकदमो में पहले लेवल में ही गंभीर नहीं होती है. ऐसे में अपराध होने की दशा में सरकार की छवि खराब होती है. उत्तर प्रदेश के बदांयू कांड को लोग अभी भूले नहीं है. पेड पर लटकी लडकियों की लाश ने प्रदेश सरकार दबाव में आ गई थी.

नेताओं को अपराध के खिलाफ आवाज उठाते समय अपने बयानों को समझबूझ कर बोलना चाहिये. कई बार नेता ऐसे बयान मामलों को हल्का करने के लिये देते है तो कई बार खुद को चर्चा में लाने के लिये ऐसे बयानों का सहारा लेते है. मीडिया भी ऐसे बयानों को हवा देने का काम करती है. इन सबका प्रभाव प्रदेश की छवि पर पडता है. दूसरे राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में पर्यटक बहुत कम आते है. उसके बाद हाईवे पर होने वाली घटनायें उनको डराने का काम करती है. पर्यटक ही नहीं दूसरे तमाम लोग अब परिवार के साथ रात में सफर करने से बचते है. प्रदेश के ऐसे हालात ठीक नहीं होते है. अपराध का राजनीति हल नहीं हो सकता. अपराध एक तरह की सामाजिक बीमारी है. इसको कानून व्यवस्था और जागरूकता के बल पर ही रोका जा सकता है.

उत्तर प्रदेश बहुत ही शांत और सुखद सफर वाला प्रदेश है. हाइवे पर ऐसी घटनाओं को रोकना चाहिये. इस मुद्दे पर राजनीति न करके ठोस कदम उठाने चाहिये. जो लोग सत्ता में हैं उनकी जिम्मेदारी ज्यादा होती है पर दूसरे नेताओं को भी राजनीति न करने का ख्याल रखना चाहिये. नेताओं के गैर जिम्मेदारी भरे बयान प्रदेश की छवि को खराब करते हैं. राजनीति में कुठिंत बयानबाजी को रोकना चाहिये. ऐसे बयानों को मीडिया भी प्रचारित करने से रोके तो यह बंद हो सकते है. रेप का शिकार मांबेटी अपनी परेशानियों में जूझ रही है. बेटी बीमार है. रेप की शिकार नाबालिग लडकियां मानसिक बीमारी का शिकार हो जाती हैं. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि समाज के लोग भी जागरूक हो और महिलाओं के खिलाफ एकजुट प्रयास करें. अपराधी को कानून सजा से सामाजिक बहिष्कार भी हो.                          

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