सूतफेनी को नये अंदाज में टीवी शो से लेकर बाजार तक में पेश किया जा रहा है. जिसकी वजह से पुराने जमाने की सूतफेनी गिफ्ट पैक में बाजार में पेश की जा रही है. सूतफेनी सेवंई परिवार की मिठाई है. इसको इस तरह से तैयार किया जाता है कि खाने के लिये केवल गरमदूध में डालने पर ही सेंवई जैसी बन जाये. यह सेवंई के मुकाबले बहुत महीन होती है. इसको बनाने के लिये सेवंई से अलग तरीके का इस्तेमाल किया जाता है.
उत्तर भारत में सावन के महीनों में पड़ने वाले त्योहारों रक्षाबंधन, नागपचंमी, तीज और करवाचौथ में सूतफेनी का चलन बहुत होता है. बहुत सारे लोग इसको अपने दोस्तो, रिश्तेदारों को अब उपहार में देने लगे हैं. सूतफेनी बहुत लंबे समय से तैयार होती है. अब इसको नये रूप में पेश किया जा रहा है. ऐसे में इसको गिफ्ट पैक में तैयार किया जाने लगा है. सूतफेनी का एक पीस 50 ग्राम के करीब होता है. गिफ्ट पैक में सूतफेनी 560 रुपये किलो मिलता है. इसको आकर्षक पैक में उपहार के लिये तैयार किया जाता है.
सूतफेनी को बनाने के लिये मैदा और घी का प्रयोग किया जाता है. लखनऊ के छप्पनभोग मिठाई शौप के मालिक रवीद्र गुप्ता कहते है ‘सूतफेनी को मैदा और घी से तैयार किया जाता है. इसको बनाते समय ही इतनी पर इसको फेंटा जाता है कि मैदा और घी आपस में बहुत अंदर तक मिक्स हो जाते है. जब अंत में सूतफेनी तैयार होती है तो इसको घी में फ्राई किया जाता है. तैयार सूतफेनी को खाने के लिये गरमदूध या चाश्नी में डाला जाता है. इसको स्वादिष्ठ बनाने के लिये मेवा का प्रयोग भी किया जा सकता है.सूतफेनी ट्रेडिशनल मिठाई है. अब इसको नये जमाने के लोग खासकर लडकियां बहुत पसंद कर रही है.‘
सूतफेनी तैयार करने के लिये मैदा को घी में आटा की तरह गूंथा जाता है. इसके बाद इससे बड़ी बड़ी लोई तैयार की जाती है. लोई के अंदर छेद किया जाता है. छेद करके इसको अंग्रेजी के 8 आकार का बना कर रिंग के आकार में बनाते हुये इतनी बार खींचते है कि यह महीन महीन लेयर में तैयार हो जाती है. अब इसको घी में फ्राई करते है. यह करीब करीब 50-50 ग्राम के वजन के होते है. तैयार सूतफेनी को दूध या चाश्नी में डालकर खाया जाता है.
सूतफेनी को रखने का तरीका ऐसा हो जिससे उसमें हवा न लगे. हवा लगने पर नमी से सूतफेनी का स्वाद खराब हो सकता है. सूतफेनी का ज्यादातर चलन बरसात के मौसम में होता है. ऐसे में नमी से इसको बचाना जरूरी होता है. टीवी सीरियलों में त्योहारों को नया रंग दिया जा रहा है. ऐसे में वहां सूतफेनी का भी प्रचार हो रहा है, जिसकी वजह से पुरानी मिठाई नये रंग में प्रस्तुत की जा रही है.