दुबई को अगर रेगिस्तान का राजा कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. बहुत सुना था दुबई के बारे में और बहुतकुछ पढ़ा था. दुबई बहुत ही खूबसूरत है, बहुत ही व्यवस्थित, बहुत ही साफसुथरा है, चोरीचकारी का तो वहां सवाल ही पैदा नहीं होता. मेरा बेटा प्रतीक और बहू चारू कुछ वर्षों से दुबई में नौकरी कर रहे हैं. इसलिए दुबईदर्शन की तमन्ना और भी बलवती हो गई. दिल में ढेर सारी उत्सुकता लिए मैं पति के साथ अपनी इस चिरप्रतीक्षित यात्रा पर निकल गई. दुबई के बारे में जितना सुना था, उस से कहीं अधिक पाया. जिस रेगिस्तान को अंगरेज भारत को 60 लाख पौंड में बेच रहे थे, भारत के लेने से इनकार करने के बाद अंगरेजों ने उसे गैर पढ़ेलिखे कबीलों को दे दिया था. 4,000 वर्ग किलोमीटर के इस रेगिस्तान में न खेती लायक जमीन थी, न पेड़पौधे, न पीने का पानी था. बंजर गांवों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं था. लोग पढ़ेलिखे नहीं थे. एक तरफ अंतहीन रेगिस्तान था तो दूसरी ओर खारे पानी का समुद्र हिलोरें ले रहा था.

वही रेगिस्तान आज दुबई की शक्ल में न्यूयौर्क से भी अधिक खूबसूरत लगता है. वहां अपार संपदा है. इस का कारण है कि दुबई के शेखों ने कभी भी मजहबी और कट्टरपंथी संगठनों को बढ़ावा नहीं दिया. कोई भी चरमपंथी मौलवीमौलाना जरा भी हरकत करे तो उसे देशनिकाला दे दिया जाता है. दुबई में दुनियाभर के लोगों को रहने व व्यापार करने की छूट है. दुबई के निर्माण को 46 वर्ष हो गए हैं. दुबई, अबूधाबी, अजमान, शारजाह, फुजैराह, रस अल खैमाह, उम अल कुवैन – इन 7 राज्यों ने मिल कर संयुक्त अरब अमीरात का गठन किया है. जिसे यूएई कहा जाता है. इस की राजधानी अबूधाबी है, जो इस का सब से बड़ा राज्य भी है.

दुबई में नवंबर से फरवरी तक टूरिज्म का बैस्ट सीजन होता है. इस समय यहां पर पर्यटकों की अथाह भीड़ होती है. नवंबर माह में हम जैट एयरवेज की फ्लाइट से दुबई गए. दुबई का समय भारतीय समयानुसार डेढ़ घंटा पीछे रहता है. दुबई एयरपोर्ट पर काफी कठिन जांचों से गुजरना पड़ता है. दुबई की 20 लाख की जनसंख्या में वहां के मूल अरब मात्र 13 प्रतिशत हैं. अन्य सारे लोग अनेक देशों से यहां काम करने, व्यापार करने के लिए आए हुए हैं. प्रतिदिन दुनियाभर से लाखों टूरिस्ट यहां आते हैं. दुबई के शेखों के दृढ़निश्चय, तेल से प्राप्त अकूत धनराशि दुबई को शानदार बनाने में लगी है. दुबई तो एक रेगिस्तान था, इसे आज का दुबई बनाने के लिए मिट्टी, पत्थर, सीमेंट, पेड़पौधे, फूल, हरीघास, यानी रेत के अतिरिक्त सारी निर्माण सामग्री बाहरी देशों से आयात की गई.

दुबई का अपना कोई उद्योग नहीं है. अन्य देशों से आयातित सामान ही यहां पर मिलता है. कई विदेशी कंपनियां इस को सजानेसंवारने में लगी हैं या यहां आ कर व्यापार कर रही हैं.

पूरे यूएई के सातों राज्यों की जनसंख्या 1.5 करोड़ है. जिन में 30 प्रतिशत तो केवल भारतीय हैं. 13 प्रतिशत निवासियों के अतिरिक्त अन्य देशों से आए हुए हैं. यहां के मूल निवासियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था मुफ्त है. दुबई में चमचमाती सड़कें, सरपट दौड़ता यातायात है. सड़कें 2 लेन से ले कर 8 लेन तक की हैं. यातायात के लिए मैट्रो का जाल बिछा है. दुबई में लाखों टैक्सियां व प्राइवेट वाहन चलते हैं. लाखों लोगों की भीड़ है. अपने वाहन की गति यदि आप ने निर्धारित गति से आगे बढ़ाई तो तुरंत फोटो खिंच जाएगी और फाइन लग जाएगा. इस की सूचना आप तक तुरंत पहुंच जाएगी. दुबई में अपराध नहीं के बराबर हैं क्योंकि एक बार अपराध करते पकड़े गए तो छूटना मुश्किल है. स्वच्छता और पर्यावरण का सख्ती से पालन किया जाता है. एक कागज का टुकड़ा भी कहीं देखने को नहीं मिलता.

दुबई का सारा विकास कार्य निरवील (विकास प्राधिकरण) देखता है. अपार्टमैंट का किराया भी यही तय करता है. इस का नियंत्रण शेख परिवार के लोगों और कंपनी के उच्च स्तर के अधिकारियों के हाथों में रहता है. दुबई में अनेक बड़ेबड़े मौल हैं. जिन में एकदो तो विश्व स्तर के हैं. दुबई का सारा कारोबार बाहर के देशों से आए हुए लोगों के हाथों में है. यहां पर हर तरह का पहनावा देखने को मिलता है. एक तरफ जहां यहां के मूल निवासी सिर से पांव तक ढके रहते हैं यानी कि अपने पारंपरिक पहनावे में रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ विदेशी छोटेछोटे कपड़ों में दिखाई देते हैं. यहां पैट्रोल सस्ता है, लेकिन पीने का पानी महंगा है. कोल्डड्रिंक्स पानी से सस्ता है. दुबई एक प्रकार से कौस्मोपौलिटन राज्य जैसा है. कोई प्रतिबंध नहीं है. इसलिए प्रतिदिन लाखों पर्यटक यहांअरबों डौलर व्यय करते हैं. दुबई सहित पूरा यूएई गैस नहीं बेचता. इसी से इस के विद्युत ट्रावाइजन चलते हैं. दुबई दिन के उजाले से रात के उजाले में अधिक खूबसूरत दिखाई देता है.

दर्शनीय स्थल

मरीना वाक : रात्रि में मरीना वाक का दृश्य अत्यधिक दर्शनीय हो जाता है. समुद्र से पानी ला कर एक झील सी निर्मित की गई है. जिस के 3 तरफ बड़ेबड़े टावर खड़े हैं. झील में नौकायन की व्यवस्था है.

झील के किनारेकिनारे लगभग 7 किलोमीटर की सड़क बनी है. जिस में टूरिस्ट पैदल या चारपहियों वाली छोटी खुली गाड़ी से घूमते हैं. इस सड़क के एक तरफ खानेपीने के रैस्टोरैंट व मौल वगैरा हैं. गद्दीदार बैंच लगी हैं. खजूर के पेड़ बिजली के लट्टुओं से सजे रहते हैं. यहां पर शाम व रात को पर्यटकों का मेला लगा रहता है.

ऐटलांटिस :  यहां पर भी समुद्र के किनारेकिनारे घूमने के लिए पथ बना हुआ है. खूबसूरत गद्दीदार बैंचों पर बैठ कर सामने सैकड़ों नौकायनों को समुद्र में अठखेलियां करते देख सकते हैं. इस पथ के एक तरफ ऐटलांटिस होटल है जिस में टूरिस्ट आ कर ठहरते हैं.

ऐटलांटिस मौल व ऐक्वेरियम : ऐटलांटिस मौल में देशविदेश से निर्यातित सामान खरीदने की सुविधा है. ऐक्वेरियम तो इतना बड़ा है कि घूमने में डेढ़दो घंटे लग जाते हैं. इस ऐक्वेरियम में छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी मछली व समुद्री जीवों का अद्भुत संसार है. घूमने में ऐसा लगता है कि समुद्र के अंदर ही विचरण कर रहे हैं और जैसे समुद्र और हमारे बीच शीशे की ऊंचीऊंची दीवारें हों.

इब्न बतूता मौल : यह मौल घूमने के लिए अच्छा है. इस मौल के ऊपर एक छत ऐसी बनाई गई है कि वहां लगता है कि हम खुले आसमान के नीचे घूम रहे हैं और ऊपर चांदतारों का समूह अठखेलियां कर रहा हो. यह छत कलाकार की कल्पना और वास्तुकला का कमाल है.

दुबई मौल : यह दुनिया का सब से बड़ा पांचमंजिला मौल है. यहां दुनिया के सभी देशों का सामान मिलता है. दुबई मौल बुर्ज खलीफा से लगा हुआ, इसी का एक हिस्सा है. इस में अनेक देशों के अपने खाने की चीजों के रैस्टोरैंट हैं. इस मौल को ठीक से पूरा घूमने के लिए एक दिन भी कम है.

मिरेकल गार्डन : मिरेकल गार्डन अकल्पनीय, अद्भुत, अप्रतिम, अतुलनीय है. यह फूलों की मानवीय कल्पना, आर्किटैक्ट के दिमाग का अद्भुत संयोजन है. इस मरुस्थल को खूबसूरत बनाने के लिए विभिन्न वस्तुएं दुनिया के देशों से एकत्रित कर के फूलों के स्वर्णिम संसार को अनेक रूपों, कलाकृतियों से इस प्रकार सजायासंवारा गया है कि क्षणभर के लिए दिमाग भ्रमित हो जाता है कि हम किसी रेगिस्तान में हैं या पुष्पलोक में.

सरिया, तारों, पुष्पों, घास व विद्युत की लडि़यों से सैकड़ों कलाकृतियां बनाई गई हैं. कहीं रेल का डब्बा, कहीं बस का डब्बा, कहीं भवन, कहीं वाटिका, कहीं महिला बड़ा सा फुहारा लिए सिंचाई कर रही है और ये सब कलाकृतियां विभिन्न रंगों के फूलों से बनाई गई हैं. सड़क के दोनों तरफ घने पेड़ों की कतारें हैं जो घना जंगल होने का एहसास देती हैं. तितलियों का अद्भुत संसार है. कुल मिला कर इस का शब्दों में वर्णन करना असंभव है.

बुर्ज खलीफा : बुर्ज खलीफा दुनिया की सब से ऊंची इमारत है. यह 828.8 मीटर ऊंची और 150 मंजिल की है. इस का निर्माण वर्ष 2004 में प्रारंभ  कर के 2009 में पूरा कर लिया गया था. इस में जाने के लिए औनलाइन 130 दिरहम और वहीं जा कर काउंटर पर 400 दिरहम दे कर टिकट लेना पड़ता है. पर्यटकों के लिए बुर्ज खलीफा 125वीं मंजिल तक ही खुला रहता है. यहां तक लिफ्ट 63 सैकंड में पहुंचा देती है. ऊपर की मंजिलों में पर्यटकों को नहीं जाने दिया जाता. बुर्ज खलीफा की मोटी कांच की दीवारों से पूरा दुबई दिखाई देता है. यहां पर पर्यटक फोटो खिंचवाते रहते हैं. फोटोग्राफर भी फोटो के लिए घूमते रहते हैं.

डांसिंग फाउंटेन :  बुर्ज खलीफा के पास ही दुनिया का सब से बड़ा डांसिंग फाउंटेन है. इस का समय लगभग आधा घंटा है और हर आधे घंटे बाद शो दिखाया जाता है. संगीत के साथ जल की लहरों का नर्तन बहुत ही आकर्षक व बेमिसाल है.

डेजर्ट सफारी : दुबई से करीब 75-80 किलोमीटर दूर रेगिस्तान में मुख्य सड़क से हट कर 3-4 किलोमीटर के दायरे में कैंप लगाए गए हैं. वहां पर मुख्य सड़क से कुछ खास तरह की गाडि़यों से जाया जाता है. जो रेत के टीलों की सफारी कराते हुए ले जाती हैं. पर्यटक रेत के टीलों की सफारी का लुत्फ उठाते हैं. इन कैंपों में तरहतरह के प्रोग्राम होते हैं, बैले डांस होता है, खानेपीने का प्रबंध होता है. यह सब टिकट में शामिल होता है. टिकट लगभग प्रतिव्यक्ति सवा सौ दिरहम का होता है. ये प्रोग्राम रात में होते हैं. रात में रेत ठंडी हो जाती है. मरु रेगिस्तान के मध्य रात बिताने का अलग ही आनंद होता है.

बर दुबई : यह कहने को पुराना दुबई है पर दुबई के साथ ही इस का भी आशातीत विकास हुआ है. दुबई की तरह ही यहां भी ऊंचे टावर, अपार्टमैंट व मौल हैं. यहां पर भी अनेक देशों का सामान मिलता है. यहां के विकास कार्यों आदि की व्यवस्था निरवील (विकास प्राधिकरण) के हाथ में है. सोना या अन्य सामान लेना हो तो यहीं से लेना चाहिए. बर दुबई, दुबई की अपेक्षा हर लिहाज से सस्ता है. वैसे, निकटवर्ती शारजाह रहने व सामान खरीदने के लिए दुबई से काफी सस्ता है. दुबई में बाहरी देशों से गए श्रमिकों के लिए शहर से काफी दूर आवासीय स्थल बनाए गए हैं. शहर में इन की भीड़ दिखाई नहीं देती.

ग्लोबल विलेज : यह लगभग 20 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां पर बहुत बड़ेबड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाए गए हैं. यहां पर विभिन्न देश अपने देशों का बनाया गया सामान विक्रय करते हैं. प्रतिदिन लाखों लोग आ कर इन प्रतिष्ठानों से सामान खरीदते हैं. ग्लोबल विलेज में अनेक पार्क हैं. लंबाचौड़ा परिसर है. लाखों कारों की रेलपेल है. हर सायं व रातभर मेला सा लगा रहता है. सब से अधिक भीड़ चाइनीज व्यापारिक प्रतिष्ठान में देखी गई. हमारे देश का भी वहां पर बहुत बड़ा व्यापारिक प्रतिष्ठान देखने को मिला. भारतीय व्यापारिक प्रतिष्ठान में भी काफी भीड़ थी. पाकिस्तान व्यापारिक प्रतिष्ठान में अधिकतर ऊन और चमड़े के जैकेट बेचे जा रहे थे.

जेबीआर बीच : यह दुनिया के बड़े बीच में से एक है. लाखों पर्यटक यहां मोटरबोट और अन्य तरीकों से समुद्र में अठखेलियां कर रहे थे. इस के पास 60-70 मंजिले ऊंचे टावर खड़े हैं, रैस्टोरैंट हैं, होटल हैं. इन होटलों में बाहरी देशों से टूरिस्ट आ कर ठहरते हैं. इन होटलों का किराया बहुत अधिक होता है. यहां पर अपार्टमैंट भी बहुत महंगे हैं. टूरिस्ट और यहां पर रहने वाले लोग नीचे उतर कर घूमते रहते हैं, खरीदारी करते हैं. खातेपीते हैं. यहां जगहजगह पर कल्चरल प्रोग्राम भी होते रहते हैं. लोग पिकनिक भी मनाते हैं. खूब गहमागहमी और रौनक रहती है. रात का पता ही नहीं चलता है. इन के अलावा भी दुबई में घूमने के लिए अनेक जगहें हैं. निर्माण कार्य यहां चलता रहता है. नएनए टूरिस्ट स्पौट बनते रहते हैं. मानवनिर्मित खूबसूरती है दुबई की. दुबई बहुत ही सुंदर, सुरक्षित व व्यवस्थित है.

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