धरती पर जीवन के लिए बढ़ते खतरों को देखते हुए कहीं और जा बसने की संभावना पर पिछले कई दशकों से विचार किया जा रहा है. जानेमाने खगोलविद और भौतिक शास्त्री स्टीफन हाकिंग भी दावा करते हैं कि आने वाले समय में बाहरी अंतरिक्ष में जीवन संभव है. साथ ही वे एक चेतावनी भी देते हैं कि यह पृथ्वी संसाधनों के हिसाब से हम इंसानों के लिए अब कम या छोटी पड़ रही है, इसलिए नजदीकी अंतरिक्ष में हमें अपने रहने के लिए एक और पृथ्वी का इंतजाम कर लेना चाहिए.

हाकिंग मानते हैं कि जिस बेदर्दी से इंसान पृथ्वी का दोहन कर रहा है, उस वजह से ज्यादा से ज्यादा 1 हजार साल में यह धरती जीवन योग्य नहीं रह जाएगी. ऐसे में यदि इंसानों को बचे रहना है और जीवन को संरक्षित करना है, तो नया ठिकाना ढूंढ़ना ही होगा, पर हमारे इस ग्रह जैसी पृथ्वी है कहां?

यह एक मुश्किल सवाल है पर इस के हल होने का एक संकेत फरवरी, 2017 में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने दिया है. उन्होंने सौरमंडल जैसा एक और सोलर सिस्टम (सौरमंडल) खोजने का दावा किया है, जिस के 7 ग्रह हैं जो अपने सूरज की उसी तरह परिक्रमा करते हैं जैसे पृथ्वी, मंगल, गुरु, शुक्र, बुध आदि करते हैं. इस के सूर्य को ‘ट्रैपिस्ट-1’ नाम दिया गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां जीवन के  लिए अनुकूल हालात हो सकते हैं क्योंकि इन में से 3 ग्रहों पर पानी की मौजूदगी के संकेत हैं. यही नहीं, इन 3 ग्रहों पर कोई जीवन है या नहीं, पर यदि वहां जीवन नहीं है तो भी यह खोज महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि एक युवा तारे (सूर्य-ट्रैपिसट 1) की वजह से उम्मीद है कि भविष्य में यहां जीवन विकसित हो सकता है.

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