हर क्षेत्र की तरह ही खेलों के क्षेत्र की भी अलग शब्दावली और परिभाषाएं होती हैं. खेलों में भी अगर क्रिकेट की बात करें तो इस खेल में कुछ ऐसे शब्द सुनने को मिल जाते हैं, जिनका उपयोग सिर्फ इसी खेल में किया जाता है.

क्रिकेट आम लोगों के बीच इतना मशहूर है कि इसकी शब्दावली भी बहुत आम है. अगर आप अक्सर ही क्रिकेट देखते हैं, तो आपने इसमें 'डक' शब्द भी सुना होगा.

असल में जब कोई खिलाड़ी बिना खाता खोले ही आउट हो जाता है, तो उसे 'डक आउट' होना कहते हैं. आप में से कई लोगों को यह बात पता होगी. लेकिन क्या आपको पता है आखिर शून्य पर आउट होने को 'डक' ही क्यों कहते हैं और इसके पीछे क्या कहानी है? नहीं तो आज हम आपको बताते हैं डक शब्द का मतलब क्या है और इसका नाम डक ही क्यूं पड़ा.

इसलिए बोलते हैं 'डक'

दरअसल, बत्तख के अंडे का आकार 0 अंक की तरह ही होता है, इसलिए शून्य पर आउट होने को 'डक आउट' होना कहते है.

1866 में पहली बार हुआ था 'डक' शब्द का इस्तेमाल

इस 'डक' शब्द के पीछे इतिहास से जुड़ी बेहद रोचक कहानी है. 17 जुलाई 1866 को प्रिंस ऑफ वेल्स, शून्य पर आउट हो गए थे. इस मैच के बारे में एक अखबार ने 'The prince had retired to the royal pavilion on a duck's egg' शीर्षक के साथ खबर छापी थी. बस इस घटना के बाद से 'डक' शब्द का क्रिकेट में इस्तेमाल होने लगा.

क्या आपको पता है कि डक आउट भी कई तरह के होते हैं. नहीं, तो जानिए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...