पर्यटन की अपार संभावनाओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के हरेभरे जंगल, झरने और पहाड़ सहज ही पर्यटकों का मन मोह लेते हैं. बहुत कम सैलानियों को शायद ही यह पता होगा की छत्तीसगढ़ में मैनपाट एक ऐसी खूबसूरत जगह है जहां बर्फ गिरती है और सर्दियों में यह इलाका बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है. मैनपाट में का़फी ठंडक रहती है, यही कारण है कि इसे ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहा जाता है. मैनपाट छतीसगढ़ का एक पर्यटन स्थल है. यह स्थल अंबिकापुर नगर, जो पूर्व सरगुजा, विश्रामपुर के नाम से भी जाना जाता है, 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मैनपाट विंध्य पर्वतमाला पर स्थित है. समुद्र की सतह से इस की ऊंचाई 3,780 फुट है. मैनपाट की लंबाई 28 किलोमीटर और चौड़ाई 12 किलोमीटर है. यह बहुत ही आकर्षक स्थल है.

छत्तीसगढ़ के मैनपाट की वादियां शिमला का एहसास दिलाती हैं खासकर सावन और सर्दी के मौसम में. प्रकृति की अनुपम छटाओं से परिपूर्ण मैनपाट को सावन में बादल घेरे रहते हैं, तब इस की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. लगता है, जैसे आकाश से बादल धरा पर उतर रहे हों. अंबिकापुर से दरिमा होते हुए कमलेश्वरपुर तक पक्की घुमावदार सड़क और दोनों ओर घने जंगल मैनपाट पहुंचने से पहले ही हर किसी को प्रफुल्लित कर देते हैं. मैनपाट की वादियां यों तो पहले से ही खूबसूरत हैं, लेकिन बादलों की वजह से इस की खूबसूरती में चारचांद लग जाते हैं. शिमला, कुल्लूमनाली जैसे पर्यटन स्थलों में प्रकृति की अनुपम छटा देख चुके लोग जब मैनपाट की वादियों को देखते हैं तो इस की तुलना शिमला से करते हैं.

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