वैज्ञानिक रिसर्च का एक और धमाका…5जी यानी हाई स्पीड इंटरनेट. 5जी को मोबाइल इंटरनेट की 5वीं पीढ़ी कहा जा सकता है. कुछ सालों के बाद मोबाइल इंडस्ट्री बेहतरीन इंटरनेट स्पीड के लिए खुद को अपग्रेड करती रहती है. 5G नेटवर्क 1 सेकंड में 20 गीगाबाइट्स तक की स्पीड पकड़ सकेगा. 3जी और 4जी से इस में डेटा डाउनलोड और ट्रांसफर किया जा सकेगा. इस में एकसाथ कई डिवाइसेस को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा.
दुनिया के कई देशों में अगले साल यानी 2019 से 5जी की सर्विस शुरू हो जाएगी. भारत भी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने के लिए 5जी यानी फिफ्थ जेनरेशन टेक्नोलौजी लाने की तैयारी में लगा हुआ है.
5जी न सिर्फ इंटरनेट की स्पीड को कई गुना बढ़ा देगा बल्कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी एक क्रांति ले आएगा. 5जी के दौर में लाखों डिवाइसेस एकदूसरे के संपर्क में रहेंगे. 5जी से लैस आप का डिवाइस घर में मौजूद हर डिवाइस यानी फ्रिज से ले कर आप के सिक्यॉरिटी सिस्टम तक से कनेक्टेड रहेगा. भारत में 5जी नेटवर्क वर्ष 2020 तक आएगा.
भारत 5जी तकनीक के मामले में तेजी से आगे बढ़ना तो चाहता है लेकिन इस तकनीक की जमीनी हकीकत थोड़ी अलग है. फिलहाल, दुनिया के कई देशों में 5जी तकनीक पर 150 प्रायोगिक परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन अभी भारत में इन में से कोई भी योजना शुरू नहीं हुई है.
5जी तकनीक पर गठित केंद्र सरकार की संचालन समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिस में 5जी तकनीक के प्रसार को बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए गए. समिति के अनुसार, देश में 5जी को सफल बनाने के लिए स्पेक्ट्रम की कीमतें कम की जाएं और वायु तरंगों की आवृति को बढ़ाया जाए. सरकार का अनुमान है कि देश में 5जी तकनीक को व्यावसायिक तौर पर 2020 में शुरू कर दिया जाएगा, जबकि अमेरिका ने 5जी को लौन्च करने का समय वर्ष 2019 तय किया है.
देश में 5जी तकनीक के भविष्य पर बात करते हुए सेवाप्रदाताओं को लगता है कि उचित दरों पर स्पेक्ट्रम नीलामी होने से 2020 की समयसीमा को तय किया जा सकता है, हालांकि, उस परिस्थिति में भी यह देश के सभी सर्किल में पूरी तरह से लौन्च नहीं हो सकेगा.
गौरतलब है कि भले ही एयरटेल ने 2012 में ही कोलकाता में 4जी सेवा शुरू की थी लेकिन इसे पूरे देश में आने में 5-6 वर्ष लग गए. सैद्धांतिक रूप से किसी मैट्रो शहर में परीक्षण कराया जाना चाहिए, लेकिन फिलहाल सभी स्पेक्ट्रम पूरी तरह से 4जी सेवा के लिए उपयोग में लाए जा रहे हैं और मामूली बैंडविड्थ 5जी परीक्षण के लिए काफी नहीं है.
उद्योग संगठन सेलुलर औपरेटर्स एसोसिएशन औफ इंडिया यानी सीओएआई के अनुसार, वित्तीय परेशानियों से घिरी दूरसंचार कंपनियों के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की कीमत बहुत अधिक होगी. सीओएआई महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि 3300-3600 मेगाहर्ट्ज़ के प्रस्तावित स्पेक्ट्रम बैंड में 5जी सेवाओं के लिए आरक्षित मूल्य 4.92 अरब रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज़ रखा गया है.
स्पेक्ट्रम के लिए इतनी बड़ी राशि जुटाना दूरसंचार कंपनियों के लिए काफी कठिन होगा. पहले से ही उन की बैलेंसशीट में काफी कर्ज शामिल है और बैंक शायद उन्हें और ज्यादा रुपया न दें. मैथ्यूज कहते हैं कि शायद भारतीय बैंक दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम बोली के लिए रुपया देने से मना कर दें, इसलिए उन्हें विदेशी बैंक और वित्तीय संस्थानों से रुपया लेना होगा.
समिति की अध्यक्षता स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक ए जे पौलराज ने की थी. समिति का मानना है कि भारत में 5जी तकनीक अपनाने में कई बाधाएं हैं. समिति ने रिपोर्ट में बताया, ‘अगर हम इस तकनीक को जल्दी अपनाते हैं तो यह काफी खर्चीली होगी और कई खामियां आएंगी. वहीं, इसे जल्द अपनाने से देश को 5जी तकनीक से होने वाले लाभ मिलेंगे और भारत की जरूरतों के हिसाब से नए उपयोग की कई संभावनाएं विकसित होंगी.
5जी लाएगा क्रांति
स्मार्ट सिटीज : 5जी के ज़रिए स्वचालित कारें भी एकदूसरे से बेहतर संवाद कर पाएंगी और ट्रैफिक व मैप्स से जुड़ा डेटा लाइव साझा कर पाएंगी. मान लीजिए कि शहरों में अगर सेंसर लगे हैं तो फिर वे पैदल चलने वालों और वाहनों के मूवमेंट पर नज़र रख सकते हैं और औटोमैटिकली ट्रैफिक लाइट्स का संचालन कर शहर को जाम लगने की स्थिति से बचा सकते हैं.
स्मार्ट होम्स : 5जी सर्विस से लैस स्मार्टहोम्स सिक्यौरिटी सिस्टम, बिजली और पानी की खपत को मैनेज कर पाएंगे. एक स्मार्टहोम घर के हर काम कर पाएगा और बिजली की फुजूलखर्ची भी रोकेगा. और तो और, यह आप की हेल्थ का भी ख्याल रखेगा. इमर्जेंसी होने पर इस के जरिए डौक्टर को भी बुलाया जा सकेगा.
आटोमेटिक कारें : 5जी की मदद से आटोमेटिक कारों के एआई (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) कम्पोनेंट में सुधार किया जा सकेगा. आटोमेटिक कारों में जल्दबाजी के चक्कर में उन का मार्गदर्शन नहीं हो पाता, जिस की वजह से उन्हें चलाने के लिए मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत पड़ जाती है, लेकिन 5जी के आने के बाद आटोमेटिक कारों का स्वरूप और दिशा बदल जाएगी.
हेल्थ मौनिटरिंग : 5जी के आने के बाद स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों से सेंसर लगातार जुड़े रहेंगे जो आप के स्वास्थ्य के बारे में पलपल की जानकारी देते रहेंगे. कुल मिला कर स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं और भी बेहतर हो जाएंगी. उदाहरण के लिए, अगर आप एक डौक्टर हैं तो दूर बैठे ही मरीज की जांच कर सकते हैं. बाहर किसी देश से आप भारत के किसी अस्पताल में पड़े मरीज का इलाज या औपरेशन भी कर पाएंगे.
5जी एक तरह से टेक्नोलौजी के लिए आप के दरवाजे खोल देगा, जिस के बाद आप की लाइफ में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे. बता दें कि देश में 5जी तकनीक आने के बाद भी 2जी, 3जी, 4जी तकनीक का उपयोग लगातार जारी रहेगा और इन्हें पूरी तरह से समाप्त होने में 10 वर्ष या अधिक समय लग सकता है.