यूट्यूब का कहना है कि अब उसके होम और ट्रेडिंग टैब में ज्यादा कंटेंट क्षेत्रीय भाषाओं से संबंधित होंगे. यह बदलाव भारत के हर यूजर के लिए लागू होगा. इसके लिए यूजर को सेटिंग्स में कोई बदलाव नहीं करना पड़ेगा.

गूगल की स्वामित्व वाले वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने बयान जारी करके कहा, "वेबसाइट अपने आप ही यूजर के पसंदीदा भारतीय भाषा को पहचान लेगी. ऐसा यूजर इंटरफेस लैंग्वेज, हिस्ट्री और लोकेशन के जरिए संभव होगा." इन भाषाओं में बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल  और तेलुगू शामिल हैं.

अगर यूट्यूब ने यूजर के लिए गलत भाषा का चुनाव कर लिया तो डेस्कटॉप पेज के निचले हिस्से पर जाकर इसे बदला जा सकता है. एंड्रॉयड और आईओएस मोबाइल ऐप्स में भाषा बदलने के लिए डिवाइस सेटिंग्स में जाना होगा. यूट्यूब ने यह भी बताया कि यूजर अपनी भाषा में ज्यादा से ज्यादा कंटेंट देख सकते हैं. इसके बाद पसंदीदा भाषा अपने आप बदल जाएगी.

कंपनी का कहना है कि बदलाव आने के बाद यूजर क्षेत्रीय भाषाओं में ज्यादा से ज्यादा कंटेंट देख पाएंगे. सिनेमा से म्यूजिक तक, खासकर पहली बार यूट्यूब पर आने वाले यूजर को यह पसंद आएगा. ट्रेडिंग सेक्शन में भी आपकी पसंद की भाषा के लोकप्रिय वीडियो दिखाए जाएंगे.

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