लाइफलाइन एक्सप्रेस (जीवनरेखा एक्सप्रेस) को मैजिक ट्रेन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है. यह पिछले 24 साल से काम कर रही है. इसका मुख्य उद्देश्य अच्छी मेडिकल सुविधा से महरूम दूर-दराज और दुर्गम ग्रामीण इलाकों में इलाज की सुविधाएं मुहैया कराना है.
उपलब्ध सुविधाएं :
इस ट्रेन को इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन भारतीय रेलवे के साथ मिलकर चलाती है. ट्रेन पर बेहतरीन स्टेट-ऑफ-द-आर्ट ऑपरेशन थिएटर हैं. यहां के सर्जनों ने इस OT में मोतियाबिंद ऑपरेशन के जरिए आंखों की रोशनी लौटाने, सर्जरी के जरिए कटे होठ ठीक करने, दांतों का इलाज जैसी काफी सुविधाएं दी हैं. साथ ही छोटे शहरों के सर्जनों को इसके जरिए सिखाया भी जाता है.
लंबी रेस का घोड़ा :
पिछले 24 सालों में इस ट्रेन ने बिहार, महाराष्ट्र, मप्र से लेकर बंगाल और केरल सहित पूरे भारत का सफर तय किया है. लाइफलाइन एक्सप्रेस का मेन टारगेट अलग-अलग राज्यों में कई प्राइवेट और पब्लिक ऑर्गनाइजेशन इसके प्रोजेक्ट्स को स्पॉन्सर करते हैं.
दूसरे देश भी प्रभावित :
इ्म्पैक्ट इंडिया के मुताबिक, दिसंबर 2010 तक इससे लाभान्वित होने वालों की संख्या 6 लाख पहुंच चुकी है. लाइफलाइन एक्सप्रेस के मॉडल से दूसरे देश भी सीख रहे हैं. चीन व सेंट्रल अफ्रीका में इसी की तर्ज पर प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं. इसी से प्रेरणा लेकर बांग्लादेश और कंबोडिया में नाव पर अस्पताल भी शुरू किए गए हैं.
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