पॉर्न देखने का शौक आपको मुश्किल में डाल सकता है. इसे नैतिक रूप से गलत माना जाना चाहिए या नहीं, यह एक बिल्कुल अलग बहस है. लेकिन प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी के ऐंगल से तो यह खतरे से बिल्कुल खाली नहीं है. यह एक ऐसी चीज है जिसमें बड़े-बड़े सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स मात खा जाते हैं.
1. यूजर ट्रैकिंग और प्रोफाइल
क्या आप जानते हैं कि एजेंसियां यह ट्रैक करती हैं कि आप किस वेबसाइट पर क्या ऐक्शन ले रहे हैं और किस तरह के लिंक्स क्लिक करने में आपकी दिलचस्पी है? जी हां, ऐसा होता है और इसी के आधार पर वे आपकी प्रोफाइल बनाती हैं. इन प्रोफाइलों का इस्तेमाल सिर्फ यह तय करने के लिए किया जाता है कि आपको आपकी रुचि के हिसाब से कौन-से ऐड दिखाए जाएं. वे एजेंसियां आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री में आपके उन विजिट्स का डेटा भी सहेजकर रख सकती हैं. इस फजीहत से बचने के लिए आमतौर पर इनकॉग्निटो विंडो खोल ली जाती है, ब्राउजर कुकीज हटा दी जाती हैं और ऐंटी-ट्रैकिंग एक्सटेंशन भी इन्स्टॉल किए जाते हैं. मगर इन दिनों हर दिन बदलती टेक्नॉलजी के साथ ये नुस्खे भी काम नहीं आते.
2. डेटा लीक और ब्रीच
एक अडल्ट वेबसाइट पर विजिट करने से आपको ब्लैकमेलिंग या एक्सटॉर्शन का सामना भी करना पड़ सकता है. यहां सिर्फ रिवेंज पॉर्न की बात नहीं हो रही है. चाहे वह असल पॉर्न साइट हो या कोई सामान्य ऑनलाइन डेटिंग साइट, आपकी हिस्ट्री को आपके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है. उन सभी यूजर्स से पूछिए, जिन्होंने ऐश्ली मैडिसन पर विश्वास किया. जब इस चैटिंग साइट का डेटा लीक हुआ तो लाखों जिंदगियां दांव पर लग गईं. लोगों के सेक्शुअल प्रिफरेंस और जियॉग्रैफिकल डेटा भी सामने आ गया. इस सबके कारण कुछ लोगों को इतनी शर्मिंदगी उठानी पड़ी कि वे सुसाइड जैसा कदम उठा बैठे.
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