माइक्रोवेव अब लगभग सभी घरों में एक जरूरी होम एप्लायंसेज के रूप में देखा जाने लगा है. इसने रसोई के कई कामों को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है. समय की कमी की वजह से आजकल कामकाजी और शहरी जिंदगी में ओवन या माइक्रोवेव की जरूरत बढ़ती जा रही है, लेकिन सही माइक्रोवेव के लिए सही चयन की आवश्यकता होती है. ऐसे में अगर आप माइक्रोवेव लेने जा रही हैं या उसे खरीदनें का सोच रही हैं तो इसके लिए कुछ बातों को जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है.
माइक्रोवेव के प्रकार
सोलो/कन्वेंशनल माइक्रोवेव: यह माइक्रोवेव छोटा होता है और आसानी से आपरेट किया जा सकता है. इसे बेकिंग और ग्रिलिंग को छोड़कर डिफ्रास्टिंग फूड और खाना गर्म करने जैसे बेसिक कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे खरीदते समय ध्यान रखें कि इसके अंदर रखा खाना अच्छी तरह से दिखे. बनावट ऐसी हो कि आप इसे आसानी से साफ कर सकें. सोलो माइक्रोवेव की कीमत फिलहाल बाजार में साइज और अलग-अलग कंपनियों के आधार पर करीब 4,500 से 8,000 रुपये के बीच है.
ग्रिल माइक्रोवेव
यह सोलो माइक्रोवेव से बिल्कुल अलग बेकिंग, ग्रिलिंग और टोस्टिंग जैसे कई काम करता है. फिलहाल यह बाजार में करीब 5,000 से 15,000 रुपये की कीमत में मिल जाता है.
कंवेक्शन माइक्रोवेव: इस माइक्रोवेव का उपयोग बारबेक्यू सहित बाकी सभी खाना पकाने के कामों में किया जा सकता है. किसी भी खाने को बेहतर बनाने के लिए माइक्रोवेव उसे समान रूप से गर्म करता है. यह सोलो माइक्रोवेव और ग्रिल माइक्रोवेव की तुलना में अधिक महंगा है. यह आपको 9,000 से 25,000 रुपये तक की कीमत में मिल जाएगा.
कन्वेंशनल VS कंवेक्शन
कन्वेंशनल माइक्रोवेव ओवन हौट माइक्रोवेव्स यानी तरंगे पैदा करता है, जो खाने को गर्म करने के लिए ग्लास और स्टील के कंटेनरों से गुजरती हैं. ये बेसिक माइक्रोवेव टेक्नोलाजी को रेडिएंट हीट के साथ जोड़ती हैं और ओवन में रखे खाने को गर्म करने के लिए गर्म हवा छोड़ती है. दूसरी ओर कंवेक्शन माइक्रोवेव के पास गर्म हवा को ओवन में फैलाने के लिए एक हीटिंग एलिमेंट के साथ फैन भी होता है, जिसकी वजह से खाना एकसमान पकता है. इन तीनों माइक्रोवेव में से सोलो माइक्रोवेव और कंवेक्शन माइक्रोवेव फिलहाल बाजार में सबसे लोकप्रिय हैं.
माइक्रोवेव के जरूरी फीचर
आटोमेटिक सेंसर: आटोमेटिक सेंसर वाले माइक्रोवेव ओवन खाना पूरी तरह से पकने या गर्म होने के बाद स्वतः बंद हो जाते हैं. यह खाने को अधिक गर्म होने से रोकता है.
कंट्रोल पैनल: मैकेनिकल और टच कंट्रोल पैनल के साथ माइक्रोवेव खरीदना बेहतर होता है. टच कंट्रोल पैनल को सावधानी से संभालना पड़ता है, क्योंकि इसके फेल होने की संभावना होती है. ज्यादातर कंपनियों ने अपने माइक्रोवेव के लिए मैकेनिकल कंट्रोल पैनल उपलब्ध कराने शुरू कर दिए हैं.
चाइल्ड सेफ्टी लौक: यह एक जरूरी फीचर है. माइक्रोवेव ओवन खरीदते समय उन लोगों को इसे ध्यान में रखना चाहिए, जिनके परिवार में छोटे बच्चे हैं. ओवन में इलेक्ट्रिक लौक सिस्टम ओवन से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाता है.
पावर रेटिंग
बड़े आकार वाले माइक्रोवेव आमतौर पर 1000-1600 वाट बिजली की खपत करते हैं, जबकि छोटे साइज वाले 800-1000 वाट की खपत करते हैं. खरीदने से पहले यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि उस कंपनी का सर्विस सेंटर आपके शहर में है या नहीं. इसी के साथ आजकल कई स्टार्स वाले माइक्रोवेव बाजार में उपलब्ध है. जितना ज्यादा स्चार रहेगा बिजली की खपत उतनी ही कम होगी. ऐसे में आपके लिए 5 स्टार वाला माइक्रोवेव लेना बेहतर है.
माइक्रोवेव का आकार
माइक्रोवेव का आकार लोगों के हिसाब से चुना जा सकता है, जिनके लिए भोजन बनाया जाना है. मान लीजिए कि आपके परिवार में दो-तीन सदस्य हैं, तो एक छोटे आकार वाला माइक्रोवेव (18-20 लीटर) सबसे अच्छा होगा. इसी तरह बड़े परिवार के लिए खाना पकाना हो, तो हाई पावर के साथ एक बड़े माइक्रोवेव की आवश्यकता होगी. इस वर्ग के लिए बड़े आकार वाले माइक्रोवेव (23-28 लीटर) बाजार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं.