सूसाइड गेम ब्लू वेल के शिकंजे में अब एक 12 साल बच्चा आया है. तमिलनाडु के तिरुपुर में रहने वाले इस बच्चे ने राज्य की 104 हेल्पलाइन नंबर पर काल किया और काउंसलर से कहा, 'वे मुझे और मेरे परिवार को मार देंगे' जब काउंसलर ने पूछा कि कौन मार देंगे, तब बच्चे ने यह कबूल किया कि वह ब्लू वेल गेम खेल रहा है लेकिन अब इससे बाहर आना चाहता है.

आपको बता दें कि 30 जुलाई 2017 को, मुंबई शहर के अंधेरी (पूर्व) में एक 14 वर्षीय लड़के ने ब्लू वेल गेम की वजह से सातवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या कर ली थी. 13 अगस्त को, बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में एक १५ साल के लडके ने भी आत्महत्या कर ली थी.

सूइसाइड प्रिवेंशन सेंटर 'स्नेहा' की फाउंडर डाक्टर लक्ष्मी विजयकुमार कहती हैं कि इस खतरनाक गेम की वजह से देश में बच्चों की आत्महत्या के मामले बढ़ते देख अब जो किशोर इस गेम को खेल रहे हैं, वे किसी भी तरह इससे बाहर निकलने के रास्ते ढूंढ रहे हैं. अधिकतर बच्चे गेम से बाहर निकलने से डरते हैं क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें उनके माता-पिता, भाई-बहन या किसी करीबी को मारने की धमकी दी जाती है.

मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों ने बताया कि उन्हे हर तीन में से एक दिन ऐसे बच्चे मिलते हैं जो इस गेम का हिस्सा बनने की बात मान रहे हैं. शुरुआती स्तर पर बच्चे सिर्फ जिज्ञासा की वजह से चैलेंज का सामना करने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें 50 ऐसे टास्क दिए जाते हैं जिनसे वे खुद को नुकसान पहुंचाएं. आखिरी टास्क में आत्महत्या करने के लिए कहा जाता है.

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