इंसान को अंतरिक्ष की सैर कराने के सपने को पूरा करने में लगे स्पेस ऐक्स व टेस्ला जैसी कंपनियों के सीईओ एलन मस्क ने एक नया सपना देखा है, इंसानी दिमाग को कंप्यूटर से जोड़ देने का. अकसर इंसानी दिमाग और कंप्यूटर की जंग चलती रही है और कईर् रोमांचक दिमागी खेलों में इंसान कंप्यूटर से बाजी हार चुका है, शायद यही कारण है कि एलन मस्क कंप्यूटर और इंसानी दिमाग को एकसाथ कर देना चाहते हैं. इस के लिए उन्होंने एक नई कंपनी न्यूरालिंक कौरपोरेशन बनाई है, जो मनुष्यों के दिमाग में बेहद सूक्ष्म इलैक्ट्रोड इम्प्लांट करेगी.

उद्देश्य

आखिर इंसानी दिमाग में इलैक्ट्रोड फिट करने का मकसद क्या है? इस बारे में एलन मस्क बताते हैं कि ऐसा होने पर हम आसानी से जान सकेंगे कि सोतेजागते किसी इंसान के दिमाग में क्या चल रहा है. हमारे भाव, विचार, सपने, ये सब इलैक्ट्रोड्स के जरिए आसानी से कंप्यूटर में डाउनलोड किए जा सकेंगे और इसी तरह यदि किसी की याद्दाश्त चली गई, तो भाव, विचार, सपने और पुरानी यादें उस के दिमाग में अपलोड की जा सकेंगी, बशर्ते उन्हें पहले से कंप्यूटर में इसी तकनीक से सहेज कर रखा गया हो.

एलन मस्क ने इस तकनीक को एक नया नाम ‘न्यूरल लेस’ दिया है. मस्क की इस कंपनी न्यूरालिंक कौरपोरेशन का पहला औफिस अमेरिका के कैलिफोर्निया में खोला गया है. यहां कंपनी के कर्मचारी कुछ अन्य दिमागी विकारों, जैसे कि डिप्रैशन और पर्किंसंस जैसे रोगों के इलाज के लिए कंप्यूटर तकनीक का विकास भी करेंगे.

दरअसल, विज्ञान की तरक्की के बावजूद इंसान के दिमाग का विकास कैसे होता है? यह कैसे काम करता है? कैसे एकजैसे विचार एक से ज्यादा दिमागों में सूझ जाते हैं? जैसे प्रश्न खुद इंसान के लिए पहेली बने हुए हैं. हालांकि पिछले कुछ समय से लग रहा है कि इन प्रश्नों का कुछ हद तक हल मिल जाएगा.

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