नए हैंडसेट में पैनिक बटन का फीचर जोड़ने के लिए सरकार ने हैंडसेट निर्माताओं को दो महीने का और समय दे दिया है. दूरसंचार सचिव जे. एस. दीपक ने कहा, 'मोबाइल उपकरण विनिर्माताओं के आग्रह पर हमने नए हैंडसेटों में पैनिक बटन जोड़ने की समय सीमा को दो महीने के लिए और बढ़ा दिया है. इन कंपनियों ने कहा था कि उनके पास ऐसे माल का भंडार है जिसमें पैनिक बटन नहीं है. ऐसे में हमने उन्हें इसके लिए 28 फरवरी तक का समय दे दिया है.
सरकार ने अप्रैल, 2016 में घोषणा की थी कि एक जनवरी, 2017 से देश में बिकने वाले सभी हैंडसेटों में पैनिक बटन होना अनिवार्य होगा. आदेश के अनुसार पैनिक बटन दबाने पर सीधे इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल हो जाएगी.
इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा, 'मोबाइल हैंडसेट कंपनियों ने हर महीने दो करोड़ फोन पैनिक बटन के साथ पेश करने के कार्य को काफी गंभीरता से लिया है.'
उन्होंने कहा कि उद्योग इसके लिए पूरी तरह तैयार है. महेंद्रू ने बताया कि नोटबंदी की वजह से इसमें कुछ मामूली अड़चन आई है जिसे एक से दो महीने में सुधार लिया जाएगा. फोन में पैनिक बटन की सुविधा होने से महिलाओं के लिए सहूलियतें हो जाएंगी. आपात स्थिति में उन्हें पुलिस की मदद के लिए मोबाइल फोन में एक बटन दबाने से पुलिस को आपात अलर्ट भेजा जा सकेगा. महिला एवं बाल विकास मंत्री गांधी ने दूरसंचार मंत्रालय को इसके लिए सुझाव दिया था.
ऐसे करेगा पैनिक बटन काम
1. आपके पास स्मार्टफोन है और आप किसी परेशानी में फंस गए तो सबसे पहले इमरजेंसी बटन दबाना होगा.
2. अगर फोन में इमरजेंसी बटन नहीं है तो पावर बटन को तीन बार प्रेस करके इसका इस्तेमाल कर सकते है.
3. यूजर को स्मार्टफोन कीपैड पर '5' या '9' नंबर के बटन को दबाकर कॉल करनी होगी.
क्यों जरूरी बनाया गया पैनिक बटन को
1. पैनिक बटन को लाने का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं की सिक्योरिटी है.
2. मोबाइल में पैनिक बटन जरूर होना चाहिए, यह बात इंडियन वायरलेस टेलिग्राफी एक्ट 1993 के तहत यह बात कही गई है.
3. बतौर टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद "टेक्नोलोजी का अर्थ है जिंदगी सुविधाजनक और बेहतर बनें और इसका बेहतर उपयोग हम तभी कर सकेंगे जब महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल हो"
इस बाबत इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट पंकज महेंद्रू ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा देने के सरकार के फैसले पर पूरी टेलिकॉम इंडस्ट्री और स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां व सर्विस प्रोवाइडर पूरी तरह से सरकार के साथ है.