ब यह अपनी ससुराल के तलवे चाटेगा,’’ बड़े भाई ने कहा.

‘‘ससुराल के तलवे क्यों चाटूंगा, मैं भारतीय सेना का सैनिक हूं. मुझे देश के किसी भी कोने में सैप्रेट फैमिली क्वार्टर अथोराइज हैं. यह उन को मिलता है जिन की पोस्ंिटग बौर्डर पर होती है और वे गलती से घर वालों पर विश्वास कर के अपनी बीवी व बच्चों को घर में छोड़ने का जुल्म करते हैं. जैसे मैं ने राजी और बच्चे को यहां छोड़ने का जुल्म किया. फैमिली क्वार्टर का अलौटमैंट लैटर है मेरी जेब में. अभी मिलिट्री की गाड़ी आ रही है, हम यहां से चले जाएंगे.’’

‘‘घर का खर्चा कैसे चलेगा?’’ मां ने कहा था.

‘‘यह आप को पहले सोचना चाहिए था. सबकुछ आप ने अपनी बेटी और दामाद को दे दिया है. मैं आप का अकेला बेटा नहीं हूं. और बेटे भी हैं. आप ने क्या किया, यह आप जानती हैं. पिताजी ने आप को सबकुछ दिया था. 2 मकान एक गांव में, एक शहर में. शहर का मकान घरों के बीच में था. बैंकबैलेंस था. बुजुर्गों की जमीनें थीं.

‘‘आप के पास इतना कुछ था कि आप को किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं थी. छोटा भी बड़े आराम से पढ़ जाता. आप न केवल खुद लुटीं बल्कि अपने सारे बेटों को भी कंगाल कर दिया. 10 हजार रुपए के बदले आप ने सब को गुलाम बना दिया, सब का बेड़ा गर्क कर दिया.’’

‘‘मैं ने तो वह किया जो सब ने कहा.’’

‘‘सब में कौनकौन आता है? यह बेटी, दामाद और बड़ा भाई. दामाद तो बाहर का आदमी था. आप नहीं जानती थीं, इन दोनों ने अपने जीवन में क्या किया था?

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