यह अलग बात है कि मौत मरने वाले के लिए वास्तव में मौत ही थी या वरदान. कोई मरमर कर भी जीता है और निरंतर मौत का इंतजार करता है. भला उस इनसान के लिए कैसा महसूस किया जाना चाहिए जिस के लिए जीना ही सब से बड़ी सजा हो.