मौसम विभाग ने टेक्सासवासियों को अगले सप्ताह में आने वाले विंटर स्टार्म और कोल्ड वेदर के
बारे में सचेत रहने की सूचना दी थी. फरवरी 11 तारीख से मौसम ने करवट लेना शुरू किया.12 तारीख को ठीक 11 बजे दिन में काउंटी हेल्थ औफिस ने डेनियल को फोन कर कहा, “आप को टीके का दूसरा डोज 15 फरवरी को लेना था, पर आने वाले कुछ दिनों में बहुत खराब मौसम की सूचना को देखते हुए उसे रद्द कर दिया गया है. आप चाहें तो दूसरा डोज आज 12 बजे आ कर ले सकते हैं, अन्यथा मौसम ठीक होने पर आप को सूचित किया जाएगा.”
डेनियल ने अपने बेटे से बात की, तो उस ने कहा, “आप को दिक्कत क्या है? कार उठाइए और 10 मिनट की दूरी पर आपvका टीका केंद्र है. मौसम ठीक होने का इंतजार न करें और जा कर दूसरा डोज ले लें. डैड, आप से एक बात कहनी थी.”
“कहो न बेटे.”
“ यू नीड ए पार्टनर. आप की तबीयत भी ठीक नहीं रहती है. हम लोग इतनी दूर हैं कि चाह कर भी मदद नहीं कर सकते हैं. आप के स्वास्थ्य की चिंता बनी रहती है.”
“हां, पहले तो मैं ऐसा नहीं सोचता था, पर अब मुझे भी ऐसा लगने लगा है.”
“ ग्रेट. आप को पार्टनर मिल जाए तो मैं भी एक तरफ से बेफिक्र हो जाऊंगा.”
मौसम बहुत खराब चल ही रहा था. ठंड काफी थी और शाम तक मूसलाधार बारिश होने का अनुमान था. एक बजे दोपहर तक डेनियल टीका ले कर वापस अपने घर में आया. प्रशासन ने सभी स्कूलकालेज और दफ्तर बंद रखने की घोषणा पहले ही कर दी थी. स्कूल के औनलाइन क्लास भी बंद कर दिए गए. दूसरे दिन शाम से डेनियल की तबियत खराब होने लगी. उसे बुखार, बांह और पूरे बदन में दर्द और काफी बेचैनी महसूस हुई. डाक्टर को फोन करने पर उस ने बताया कि टीके की दूसरी डोज के बाद ऐसा होता है. अगर दो दिन से ज्यादा तकलीफ रहती है, तब क्लिनिक आ सकते हैं. ज्यादा तकलीफ हो तब पेनकिलर ले सकते हैं.
डेनियल ने स्टोर में लोयला को फोन कर के कहा, “कोरोना का टीका लेने के बाद मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही है. मैं कुछ और ग्रोसरी के सामान की लिस्ट मेल कर रहा हूं, तुम डिलीवर कर देना.”
“आज तो काफी कस्टमर्स डिलीवरी लिस्ट में आप से ऊपर हैं. उम्मीद है कि कल दोपहर बाद आप को
डिलीवरी मिलेगी, वह भी मौसम ठीक रहा तब. आप को ऐसे में किसी के साथ रहना चाहिए डेनियल.”
“ तुम्हीं साथ दो न.”
“मैं 1-2 दिन की बात नहीं कर रही हूं. आप दिल के मरीज हैं, आर्थराइटिस से परेशान हैं, आप को सहारे की जरूरत है.”
“मैं भी 1-2 दिन की बात नहीं कर रहा हूं.”
कुछ देर तक दोनों तरफ खामोशी पसरी रही. फिर लोयला बोली, “वैसे, आप कुछ ज्यादा दिनों की
सप्लाई स्टाक कर लें. हालांकि आजकल रोजमर्रा की चीजों की शॉर्टेज चल रही है, खासकर दूधब्रेड आदि. बाहर से सप्लाई आना लगभग बंद है. फिर भी जितना बन सके, मैं कोशिश करूंगी.
“ओके, मैं कल ग्रोसरी ले कर आती हूं. टिल देन बाय, टेक केयर.”
अगले दिन सुबह से मूसलाधार बारिश हो रही थी. दोपहर के बाद बारिश थमी, तब लोयला डेनियल का सामान अपने कार की ट्रंक में रख कर डेनियल के घर जा रही थी. आसमान से बर्फ रूई के छोटे टुकड़ों की तरह गिर रहे थे. डेनियल के ड्राइव वे में कार पार्क करने के लिए जैसे ही उस ने कार मोड़ी, कार बर्फ पर फिसल कर फ्रंट लान की मिट्टी में जा फंसी. उस ने किसी तरह से कार को कंट्रोल किया, वरना कार पेड़ से जा टकराती. लगातार बारिश और हिमपात के चलते लान की मिट्टी काफी गीली थी. उस के कार के फ्रंट व्हील्स कीचड़ में फंस गए.
लोयला अपना रेनकोट पहन कर बाहर निकली. ट्रंक से ग्रोसरी कार्टन निकाल कर उस ने डेनियल की डोर बेल बजाई.
डेनियल उसे देख कर बोला, “तुम्हारी कार को क्या हुआ? ऐसे मौसम में तुम
क्यों आई?“
“अब आ ही गई तो अंदर आने दोगे या सामान रख कर चली जाऊं? सौरी जाने का सवाल कहां है. कार बुरी तरह फंस गई है.“
“उसे बाद में देखेंगे, पहले अंदर आओ.“
डेनियल कौफी बना लाया और बोला, “लो कौफी पियो. ऐसे मौसम में कौफी दोनों के लिए अच्छी है.“
लोयला विंडो गिलास से बाहर देखते हुए बोली, “बाहर हेवी स्नो फाल शुरू हो गया है.“
दोनों टीवी में लोकल वेदर चैनल न्यूज देख रहे थे. प्रशासन की ओर से मौसम को ले कर एडवाइजरी और चेतावनी दी गई, “आप लोग अपने घरों से बाहर न निकलें. आगामी 3 दिनों तक मौसम में सुधार की संभावना नहीं है.“
“अब मैं क्या करूं डेनियल, मेरी कार भी फंसी है और ऐसे मौसम में कोई हेल्प करने वाला भी नहीं आ सकता है.“
“तुम्हारी कार अगर ठीक भी होती तो मैं तुम्हें जाने नहीं देता. तुम ने टीवी पर सुना नहीं वार्निंग. जब तक मौसम ठीक नहीं होता है, तुम यहां से नहीं जा सकती हो. तुम्हें यहीं रहना होगा. मैं फ्रिज में देखता हूं दोनों के खाने लायक खाना है या नहीं. नहीं हुआ तो कुछ बना लेंगे या तुम्हारे लाए ग्रोसरी में बर्गर है न, वो काफी होगा.“
“अगर आप कहें तो मैं खाने में कुछ बना दूं. मैं फिश ले कर आई हूं.“
“नो, आज जो रेडीमेड फूड है, उसी से काम चलेगा. मौसम के बहाने ही कुछ दिन के लिए हम साथी बन गए हैं.“
तभी जोर से बिजली चमकी और बाद में उस की गर्जना से लगा घर कांप उठा. कुछ पल बाद बिजली भी चली गई.
“माय गौड, अब पता नहीं बिजली कब आए. हमारा किचेन स्टोव भी सिर्फ बिजली से चलता है. फ्रिज का खाना माइक्रोवेव में गरम भी नहीं कर पाएंगे.“
डेनियल बोला, “अभी से फ्रिज से निकाल दें. खाने के समय तक कुछ ठंडापन कम हो जाएगा, फिर जैसा भी हो खाना पड़ेगा. अब हीटर भी नहीं काम करेगा और मेरे सारे विंटर ड्रेस घर पर पड़े हैं.“
“मेरे क्लोजेट से ब्लैंकेट्स और जो भी चाहो निकाल लो. स्लीपिंग पजामा भी ले सकती हो.“
लोयला ने फोन देख कर कहा, “ठंड बढ़ती जा रही है. बाहर का टेम्परेचर माइनस 10 डिगरी सैल्सियस है. हीटर
चलने का सवाल ही नहीं है. आज रात माइनस 15 डिगरी सैल्सियस होने वाला है. मुश्किल तो ये है कि लाइट भी नहीं है. फोन की लाइट ज्यादा यूज करना भी ठीक नहीं है. पावर नहीं होने से चार्ज भी नहीं कर पाएंगे.“
“ऐसा करते हैं हम लोग, अपने बच्चों से बात कर यहां की स्थिति बता देते हैं, फिर पता नहीं कब बात हो.“
डेनियल और लोयला दोनों ने अपने बच्चों से बात की और कहा कि फोन पर ज्यादा बातें नहीं हो सकती हैं. जरूरी बातें मैसेज पर होंगी. पता नहीं, फोन कब डेड हो जाए. वाईफाई भी बिना पावर के नहीं काम करेगा. दोनों के बच्चों ने कहा कि अच्छा है आप के साथ कोई जानपहचान वाला है.
शाम को जल्दी डिनर कर दोनों अपने ब्लैंकेट में समा गए. किसी तरह रात गुजारी. सुबह उठे तो देखते हैं कि बाहर चारों तरफ बर्फ की मोटी परत जम चुकी थी. नल में पानी भी नहीं आ रहा था.