नंदीग्राम खगडि़या जिले का एक कसबा था, जो वहां से महज 10 किलोमीटर ही दूर था. कहलाता तो वह दलित बस्ती इलाका था, लेकिन वहां के सारे दलित ब्राह्मणों को ‘बाबू लोग’ पुकारते थे. इक्कादुक्का घर राजपूतों के भी थे.