Romantic Story in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं सरिता की 10 Best Romantic Stories in Hindi . इन कहानियों में प्यार और रिश्तों से जुड़ी कई दिलचस्प कहानियां हैं जो आपके दिल को छू लेगी और जिससे आपको प्यार का नया मतलब जानने को मिलेगा. इन रोमांटिक कहानियां से आप कई अहम बाते भी जान सकते हैं कि प्यार की जिंदगी में क्या अहमियत है और क्या कभी किसी को मिल सकता है सच्चा प्यार. तो अगर आपको भी है ऐसी रूमानी कहानियां पढ़ने का शौक तो यहां पढ़िए सरिता की Best Hindi Romantic Stories.
- उलझन- समीर और शिखा के बीच में कौन आया था
जैसे जैसेशिखा के जन्मदिन की पार्टी में जाने का समय नजदीक आ रहा है, मेरे मन की बेचैनी बढ़ती ही जा रही है. मैं उस के घर जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं पर अपने फ्लैट से कदम निकालने की हिम्मत नहीं हो रही है.
मैं करीब 2 महीने पहले शिखा से पहली बार अपने कालेज के दोस्त समीर के घर मिला था. उसी मौके पर मेरा समीर की पत्नी अंजलि, उस के दोस्त मनीष और उस की प्रेमिका नेहा से भी परिचय हुआ था.
शिखा के सुंदर चेहरे से मेरी नजरें हट ही नहीं रही थीं. वह जब छोटीछोटी बातों पर दिल खोल कर हंसती तो सामने वाला खुदबखुद मुसकराने लगता था.
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2. जाना पहचाना – क्या था प्रतिभा के सासससुर का अतीत?
अमर और प्रतिभा एक ही ऑफिस में पिछले 4 सालों से साथ काम करते आ रहे हैं. प्रतिभा पटना की है और दिल्ली में पढ़ाई के साथ पार्टटाइम जॉब करती है. इधर अमर भी लखनऊ से अपने सपनों को पूरा करने दिल्ली आया हुआ है. दोनों इतने दिनों से साथ हैं. एकदूसरे को पसंद भी करते हैं. पर आज पहली दफा अमर ने साफ तौर पर प्रतिभा से दिल की बात कही थी. दोनों के दिल सुनहरे सपनों की दुनिया में खो गए थे.अगले दिन सुबहसुबह ट्रेन थी. प्रतिभा ने एक सुंदर हल्के नीले रंग का फ्रॉकसूट पहना. उस पर गुलाबी रंग का काम किया हुआ दुपट्टा लिया. माथे पर नीले रंग की बिंदी लगाई. होठों पर हल्का गुलाबी लिपस्टिक लगा कर बालों को खुले छोड़ दिए. हाई हील्स पहन कर जब वह अमर के सामने आई तो वह आहें भरता हुआ बोला,” आज तो महताब जमीन पर उतर आया है.
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3. टीचर – क्या था रवि और सीमा का नायाब तरीका?
मेरे दोस्त विवेक के छोटे भाई की शादी की रिसैप्शन पार्टी में तब तक ज्यादा लोग नहीं पहुंचे थे. उस महिला का यों अचानक उठ कर मेरे पास आना सभी की नजरों में जरूर आया होगा.
‘‘मैं सीमा हूं, मिस्टर रवि,’’ मेरे नजदीक आ कर उस ने मुसकराते हुए अपना परिचय दिया. मैं उस के सम्मान में उठ खड़ा हुआ. फिर कुछ हैरान होते हुए पूछा, ‘‘आप मुझे जानती हैं?’’ ‘‘मेरी एक सहेली के पति आप की फैक्टरी में काम करते हैं. उन्होंने ही एक बार क्लब में आप के बारे में बताया था.’’
‘‘आप बैठिए, प्लीज.’’
‘‘आप की गरदन को अकड़ने से बचाने के लिए यह नेक काम तो मुझे करना ही पड़ेगा,’’ उस ने शिकायती नजरों से मेरी तरफ देखा पर साथ ही बड़े दिलकश अंदाज में मुसकराई भी.
‘‘आई एम सौरी, पर कोई आप को बारबार देखने से खुद को रोक भी तो नहीं सकता है, सीमाजी. मुझे नहीं लगता कि आज रात आप से ज्यादा सुंदर कोई महिला इस पार्टी में आएगी,’’ उस की मुसकराने की अदा ही कुछ ऐसी थी कि उस ने मुझे उस की तारीफ करने का हौसला दे दिया.
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4. पीली दीवारें – क्या पति की गलतियों की सजा खुद को देगी आभा?

6 बार घर आ चुका है, पर उस से बात करना तो दूर तुम उस से मिले तक नहीं. ऐसे नहीं निबाहे जाते रिश्ते, उन के लिए त्याग करना ही पड़ता है,’’ आभा औफिस जाने के लिए तैयार होते हुए बोली.
उन की शादी को 2 साल हो गए थे, पर एक भी दिन ऐसा नहीं गया था जब अजय ने झगड़ा न किया हो.
‘‘मुझ से ज्यादा बकवास करने की जरूरत नहीं है. मुझे किसी की परवाह नहीं है. तुम अपनेआप को समझती क्या हो? यह भाषण देना बंद करो.’’
‘‘मैं भाषण नहीं दे रही हूं अजय, सिर्फ तुम्हें समझाने की कोशिश कर रही हूं कि हमेशा अकड़े रहने से कुछ हासिल नहीं होता. ऐसा कर के तो तुम हर किसी को अपने से
दूर कर लोगे. इंसान को अपनी गलती भी माननी चाहिए.’’
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5. विकराल शून्य -निशा की कौनसी बीमारी से बेखबर था सोम?
अजय की गहरी बातें वास्तव में अपने में बहुत कुछ समाए रखती हैं. जब भी उस के पास बैठता हूं, बहुत कुछ नया ही सीख कर जाता हूं.
बड़े गौर से मैं अजय की बातें सुनता था जो अजय कहता था, गलत या फिजूल उस में तो कुछ भी नहीं होता था. सत्य है हमारा तो रोमरोम किसी न किसी का आभारी है. अकेला इनसान संपूर्ण कहां है? क्या पहचान है एक अकेले इनसान की? जन्म से ले कर बुढ़ापे तक मनुष्य किसी न किसी पर आश्रित ही तो रहता है न.
‘‘मेरी पत्नी सुबह से शाम तक बहुत कुछ करती है मेरे लिए, सुबह की चाय से ले कर रात के खाने तक, मेरे कपड़े, मेरा कमरा, मेरी व्यक्तिगत चीजों का खयाल, यहां तक कि मेरा मूड जरा सा भी खराब हो तो बारबार मनाना या किसी तरह मुझे हंसाना,’
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6. एक लड़की – प्यार के नाम से क्यों चिढ़ती थी शबनम?
एक घायल लड़के को अपने कंधे पर एक तरह से लादे हुए वह अंदर दाखिल होने की कोशिश में थी और गार्ड लड़के को अंदर ले जाने से मना कर रहा था.
‘‘भैया, होस्टल के नियम तो तुम मुझे सिखाओ मत. कोई सड़क पर मर रहा है, तो क्या उसे मर जाने दूं? क्या होस्टल प्रशासन आएगा उसे बचाने? नहीं न. अरे, इंसानियत की तो बात ही छोड़ दो, यह बताओ किस कानून में लिखा है कि एक घायल को होस्टल में ला कर दवा लगाना मना है? मैं इसे कमरे में तो ले जा नहीं रही. बाहर ग्राउंड में जो बैंच है, उसी पर लिटाऊंगी. फिर तुम्हें क्या प्रौब्लम हो रही है? लड़कियां अपने बौयफ्रैंड को ले कर अंदर घुसती हैं तब तो तुम से कुछ बोला नहीं जाता,’’ शबनम झल्लाती हुई कह रही थी.
गार्ड ने झेंपते हुए दरवाजा खोल दिया और शबनम बड़बड़ाती हुई अंदर दाखिल हुई. उस ने किसी तरह लड़के को बैंच पर लिटाया और जोर से चीखी, ‘‘अरे, कोई है? ओ बाजी, देख क्या रही हो? जाओ, जरा पानी ले कर आओ.’’ फिर मुझ पर नजर पड़ते ही उस ने कहा, ‘‘नेहा, प्लीज डिटोल ला देना. इस के घाव पोंछ दूं और हां, कौटन भी लेती आना.’’
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7. दिल पे न जोर कोई
रीमा नोट कर रही थी कि आजकल आशीष जिम में ज्यादा देर लगा रहा है. अत: एक दिन उस ने पूछ ही लिया, ‘‘क्या बात है देर कैसे हो गई? आज क्या खास बात है… जिम से पसीनापसीना हो कर आए, फिर भी चेहरे पर अलग ही खुशी झलक रही है? रोज की तरह अपनी थकान का रोना नहीं?’’ रीमा ने चुटकी लेते हुए आशीष से कहा.‘‘क्या मैं रोज थकान का रोना रोता हूं? अरे अपनेआप को फिट रखना क्या इतना आसान है? कभी जिम जा कर देख आओ कि अपनेआप को मैंटेन करने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ती है. लो हो गए शुरू…. मेरी तरह 2 बच्चे पैदा करो पहले, फिर फिटनैस की बात करो मुझ से,’’ रीमा ने कहा.
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8. मैं यहीं रहूंगी
सुरुचि यह सुन कर अवाक रह गई. अभी विवाह को दिन ही कितने हुए हैं, इसलिए कोई भी सवाल करना उसे ठीक नहीं लगा. उन के जाने के बाद उस के दिमाग में सवालों ने उमड़ना शुरू कर दिया था, कहीं दीदी इसलिए तो मुझ पर इतना स्नेह नहीं उड़ेल रही थीं कि अपने बच्चों की जिम्मेदारी मुझ पर डाल कर आजाद होना चाह रही थीं. उन के छोटे से शहर में अच्छी पढ़ाई होती नहीं है, लेकिन एक बार मुझ से अपनी योजना के बारे में बता कर मेरी भी तो मरजी जाननी चाहिए थी. जल्दी से जल्दी अपने शक को दूर करने के लिए वह पति के औफिस से लौट कर आने का इंतजार करने लगी.
सुंदर के आते ही उस ने उसे चाय दी. उस के थोड़े रिलैक्स होते ही, यह सोच कर कि उसे यह न लगे कि उस की बहन के बच्चे रखने में उसे आपत्ति है, उस ने धीरे से पूछा, ‘‘दीदी के बच्चे यहीं रहेंगे क्या?’’
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9. हुस्न और इश्क
मेरी बड़ी बहन भी सुंदर है, पर मुझ से बहुत कम. ऐसा 2 बार हुआ कि उसे देखने लड़के वाले आए पर पसंद मुझे कर गए. इन दोनों घटनाओं के बाद मैं उस की नजरों में खलनायिका बन गई. बहन का बहन पर से ऐसा विश्वास उठा कि राकेश जीजाजी के साथ अब भी अगर वह मुझे अकेले में बातें करते देख ले तो सब काम छोड़ कर हमारे बीच आ जमती है. मैं किसी तरह का गलत व्यवहार करने की कुसूरवार नहीं हूं, पर उस बेचारी का शायद विश्वास डगमगा गया है
मुझे लड़कियों के कालेज में दाखिला दिलाया ही जाना था, पर मेरे मम्मीपापा का यह कदम भी मेरी परेशानियों को कम नहीं कर सका. वहां मुझे अपनी सहेलियों की जलन का सामना करना पड़ा.
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10. सहयात्री – कनिका किस घटना के बाद पूरी तरह बदल गई
कनिका के पीछे खड़े उसी अनजान लड़के ने बिना देर किए झटके से उस का पैर निकाला और फिर सहारा दे कर उठाया. वह चल नहीं पा रही थी. उस ने कहा, ‘‘यदि आप को बुरा न लगे तो मेरे कंधे का सहारा ले सकती हैं… ट्रेन छूटने ही वाली है.’’
कनिका ने हां में सिर हिलाया तो अजनबी ने उसे ट्रेन में सहारा दे चढ़ा कर सीट पर बैठा दिया और खुद भी सामने की सीट पर बैठ गया. तभी ट्रेन चल दी.