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अगली दोपहर जब वह आई तो निशा तापाक से बोल पङीं,”आज बड़ा सजधज कर आई है… यह सूट बड़ा सुंदर है. तुझे किस ने दिया है? यह तो बहुत मंहगा दिख रहा है.”

इतना मंहगा सूट भला कौन देगासोसाइटी में नाम के बड़े आदमी रहते हैं लेकिन दिल से छोटे हैं सब. कोई कुछ दे नहीं सकता. मैं ने खुद खरीदा है.”

साफसाफ क्यों नहीं कहतीं कि तेरे आशिक राजेंद्र ने दी है तुम्हें.”

नहीं आंटीजीरंजीत दिल्ली से मेरे लिए ले कर आया है. मुझ से कहता रहता है कि तुझे रानी बना कर रखूंगा…’’ वह शर्मा उठी थी.

वे तो बंदूक में जैसे गोली भरी बैठी हुई थीं,”काहे री गुड्डनअभी तक तो राजेंद्र के साथ तेरा लफड़ा चल रहा था अब यह रंजीत कहां से आ मराउस दिन तेरी अम्मां आई थी. वह कह रही थी कि तू ज्यादा समय राजेंद्र की खोली में गुजारती है. वह तुझे इतना ही पसंद है तो उसी के साथ ब्याह रचा ले. तेरी अम्मां यहांवहां लड़का ढूंढ़ती फिर रही है.”

वह चुपचाप अपना काम करती रही तो निशा का मन नहीं माना. वह फिर से घुड़क कर बोलीं,”क्यों छोरीतेरी इतनी बदनामी हो रही है तुझे बुरा नहीं लगता?”

आंटीजीराजेंद्र जैसे बूढ़े से ब्याह करे मेरी जूती. मैं कोई उपमा आंटी जैसी थोड़ी ही हूंजो पैसा देख कर ऐसा भारीभरकम काला दामाद ले आई हैं… ऐसी फूल सी नाजुक पूजा दीदीबेचारी फीट की दुबलीपतली लड़की के बगल में फीट का लंबाचौड़ा आदमी…”

चुप कर…” निशा चीख कर बोलीं,”तेरा मुंह बहुत चलता है… आकाशजी की बहुत बड़ी फैक्टरी है. वे रईस लोग हैं…’’

गुड्डन के मुंह से कड़वा सच सुन कर उन की बोलती बंद हो गई थी इसलिए उन्होंने इस समय वहां से चुपचाप हट जाना ही ठीक समझा था.

जनवरी की पहली तारीख थी. वह खूब चहकती हुई आई थी,”आंटीहैप्पी न्यू ईयर…”

तुम्हें भी नया साल मुबारक हो. कल कहां गायब थींकिसी के साथ डेट पर गई थीं क्या…?’’

आंटीआप भी मजाक करती हैं… वह बी ब्लौक की रानी आंटी जो आप की किट्टी की भी मैंबर हैं…’’

क्या हुआ उन को?’’

उन का लड़का शिशिर है न… उन की शादी के लिए लड़की वाले आए थेइसलिए आंटी ने मुझे काम करने के लिए दिनभर के लिए बुलाया था…’’

बेचारी रानी अपने बेटे की शादी के लिए बहुत दिनों से परेशान थीं… चलो अच्छा हुआ… शिशिर की शादी तय हो गई.’’

मेरी पूरी बात तो सुनिए… लड़की वाले उन की मांग सुनते रहे. सब का मुंह उतरा हुआ था…धीरेधीरे वे लोग आपस में रायमशविरा करते रहे थे.

आंटीमैं भी बहुत घाघ हूं. चाय देने गई फिर बरतन धीरेधीरे उठाती रही और उन लोगों की आपसी बात ध्यान से सुन रही थी. वे कह रहे थे कि गाड़ी, 20 तोला सोनाशादी का दोनों तरफ का खर्चा लड़की वाले करें. शादी फाइवस्टार होटल में होगी…’’

रानी आंटी तो पूरी मंगता हैं… देखो जराअपने लड़के को बिटिया वाले को जैसे बेच रही हैं.

हम गरीब लोगन को सब भलाबुरा कहते हैंलेकिन बड़े आदमी भी दिल के बड़े नहीं होते. आप लोग में भी कम नहीं. एक लड़की की शादी करने में मायबाप चौराहे पर खड़े हो कर बिक जाएंतब बिटिया का ब्याह कर पाएं…

रानी आंटी कैसी धरमकरम की बातें किया करती हैं. खुद को बड़ी धरमात्मा बनती हैं. अपने यहां भागवतकथा करवाने में लाखों रुपया खर्च कर डालीं थीं. का अब बिटिया वाले से वही खर्चा की वसूली करेंगी?

सरकार तो दहेज को अपराध कहती है…आप लोगन में दहेज मांगने की कोई मनाही नाहीं है का?‘’

गुड्डन मुंह बंद कर के काम किया करतुम इतना बोलती हो कि सिर में दर्द हो जाता है. शिशिर बड़ा अफसर हैउस की तनख्वाह बहुत ज्यादा है…उन की बिटिया यहां पर राज रजती.”

लगभग साल पहले उन के बेटे की शादी में भी गाड़ी और दहेज में बहुत सारा सामान आया था. इसलिए गुड्डन की बातें सुन कर उन्हें लगा कि वह इशारोंइशारों में उन पर भी बोली मार रही है.

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