अब मैं चालीस की हो गई हूं

मुझे कुछकुछ समझ आने लगा है

आए दिन देख पति व बेटे की तकरार

जेनरेशन गैप समझ आने लगा है

कमरदर्द और नजर का धुंधलका

सास की नसीहतें भाने लगी हैं

अब नहीं होती तनातनी किसी से

एकता का महत्त्व समझ आने लगा है

जवां बेटा सुनता नहीं अब मेरी

दुनियादारी समझाने लगा है

कभी चिड़चिड़ाती, कभी खुद से बतियाती

स्ंिवग मूड अपना असर दिखाने लगा है

अब मैं चालीस की हो गई हूं

मुझे कुछकुछ समझ आने लगा है.

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