Hindi Poem : मैंने चाहा है तुमको

मेरी चाहतों में तुम।

गुजरे कल में तुम

उगते सूरज में तुम।

बहती हवाओं में तुम

बरसते बादलों में तुम।

खिलते फूलों में तुम

ढलती शामों में तुम।

हां तुम!

मन की सुंदरता

तन का सुंदर रूप।

लब तेरे मधुशाला

हर अंग पुष्प की माला।

स्वप्न की परी  तुम

हो यौवन रस का अमृत  प्याला।

हां तुम!

तुम जीवन ज्योति

तुम करुणा तुम भक्ति

तुम ही मेरा बंधन।

मेरा इश्क तुम

मेरी जान तुम

मेरा हर लम्हा तुमसे

तुम ही मेरा दर्पण।

हां तुम!

बेचैन दिल तन्हा मन

तस्वीर तेरी चूमते नयन।

मिलकर तुमसे  लिपटूंँ मैं ऐसे

जैसे चंदन से लिपटे भुजंग।

मेरा ख्वाब मेरी हकीकत

मेरी चाहत मेरा जूनू

हां तुम!

लेखक : बाल कृष्ण मिश्रा

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...