हमें इतना डर स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू और इबोला से नहीं लगता जितना आजकल वाइफ फ्लू से लगता है, लेकिन हमें बचपन से ही सिखाया गया है, मुसीबत से परेशान नहीं होना चाहिए, बल्कि उस के भी मजे लेने चाहिए. वाइफ फ्लू के बारे में भी हम ने महसूस किया है कि बाकी फ्लू तो देरसवेर ठीक हो जाते हैं, लेकिन वाइफ फ्लू का कोई तोड़ नहीं है. इस मामले में हमारा पहला अनुभव ही काफी रोमांचक रहा है. हां, तो हुआ यों कि कुंआरेपन में हमें मूंछें रखने का शौक था, लेकिन सुहागरात को वाइफ ने पहला वार मूंछों पर ही किया और साफसाफ शब्दों में कह दिया कि देखो जी, मूंछें रखना अब भूल जाओ, आज के बाद चेहरे पर मूंछें नहीं होनी चाहिए, समझे न.
हम ने इसे कोरी धमकी समझा और दिनभर दोस्तों के बीच मूंछें ऊंची किए घूमते रहे, लेकिन अगली सुबह सो कर उठने के बाद आईने में मूंछविहीन चेहरा देख कर हम सहम गए और समझ गए कि यह ‘समझे न’ की ही करामात है. हम समझ गए कि वाइफ जो कहती है, उसे कर के भी दिखा देती है, इसलिए इसी में भलाई है कि अब बाकी की जिंदगी श्रीमतीजी का चरणदास बन कर गुजारी जाए. अगली सुबह हम अभी आधे घंटे और सोने के मूड में थे, तभी शादी के पहले की झंकार वाली आवाज की जगह एक गरजती आवाज आई, ‘देखो जी, बहुत आराम हो गया, चलो उठो, नल में पानी आ गया है, पहले पानी भरो, इस के बाद सब्जी लेन भी जाना है.’
फिर थोड़े प्यार से बोली, ‘देखो जी, सब से पहले चाय बना लाओ, साथ ही पीएंगे.’
गरम हवाओं के बाद ठंडी सी फुहार ने हमें राहत पहुंचाई और हम दौड़ते हुए रसोई की तरफ भागे. अब हमारे लिए यह शोध का विषय हो गया कि आखिर वाइफ फ्लू होता क्या है? यह आता क्यों है? इस के लक्षण क्या हैं और इस के वायरस कहां से फैलते हैं? गहन शोध करने पर हम ने पाया कि वाइफ फ्लू को सहन करना पति की सहनशक्ति पर निर्भर करता है.
- वाइफ फ्लू से पीडि़त पति के निम्न लक्षण होते हैं :
- वाइफ फ्लू की चपेट में आया पति हमेशा डरा सा रहता है.
- पति की बोलने की शक्ति क्षीण होती जाती है, परंतु श्रवण शक्ति बढ़ जाती है.
- वाइफ फ्लू से पीडि़त पति ज्यादा से ज्यादा समय घर से बाहर गुजारने लगते हैं.
- जिंदगी में बद से बदतर स्थितियों में भी जीने का जज्बा रखते हैं.
- वाइफ फ्लू से पीडि़त पतियों में काम करने की आदत सी पड़ जाती है और उन्हें थकान महसूस नहीं होती है.
- कोल्हू के बैल की तरह काम करते हुए वे वाइफ से प्रशंसा पाने के भूखे रहते हैं.
- ऐसे पतियों को वैसे तो गुस्सा कम आता है, लेकिन ये मन ही मन कुढ़ते रहते हैं.
वाइफ फ्लू के वायरस के बारे में शोध करने पर कुछ मजेदार बातें सामने आई हैं :
- इस फ्लू के वायरस शादीब्याह की जगहों पर बहुतायत से पाए जाते हैं.
- कुंआरे लड़कों पर एकदम अटैक करते हैं.
- ये वायरस पहले मीठे सपने दिखाते हैं, फिर सपने को साकार करने की ललक जगाते हैं, इस के बाद जिंदगी को रोगी बना देते हैं.
- इस वायरस को फैलाने में दुलहन की बहन और सहेलियां मुख्य भूमिका निभाती हैं और भाभियां हवा देती हैं.
- ये वायरस आंखों से अंधा बना देते हैं. और अच्छाबुरा सोचने की शक्ति खत्म कर देते हैं.
इस शोध के बाद जब हम ने अपनी स्थिति के बारे में सोचा तब पाया कि हमारी शादी के समय भी जब हमारी भाभी ने हमें इशारे से एक कमसिन, नाजुक सी लड़की को दिखाते हुए, हमारे अरमान जगाए थे, तब हम हवा में ऐसे उछले थे कि सीधे उसी के पास जा कर गिरे थे. लेकिन हम ने अपने दोस्तों को वाइफ फ्लू से जूझते देखा था, इसलिए दूरियां बनाने की कोशिश करने लगे, तब उस ने बड़ी नजाकत के साथ कहा, ‘तुम तो मुझ से ऐसे डर रहे हो जैसे मैं कोई चुड़ैल हूं. अरे भौंरा भी मुहब्बत में अपनेआप को कुरबान कर देता है, तो फिर तुम तो इंसान हो, हमारी मुहब्बत की कीमत समझो.’
जिस अंदाज में उस ने ये बातें कही थीं, हम अपना आपा खो बैठे थे और फिर तो हम भंवरे की तरह उस के आगेपीछे घूमने लगे. बस, इस के बाद वह हमारे वायरस लगने से खुश हो गई और गाने लगी, ‘बहारो फूल बरसाओ, मेरे पति को वाइफ फ्लू होने वाला है…’
खैर, जनाब जैसा कि हम ने पहले भी जिक्र किया है कि इस के वायरस सीधे अटैक करते हैं और बचने का कोई मौका नहीं देते हैं तो हमारी शादी तो होनी थी, सो हो गई, और इस के बाद हम वाइफ फ्लू में जकड़ते गए.
हम ने महसूस किया है कि इस वायरस की चपेट में आने पर कुछ उपाय करते रहना चाहिए, जोकि पेनकिलर का काम करेंगे और वायरस का दर्द कम हो जाएगा, फिर पति लोग धीरेधीरे इस के आदी हो जाएंगे.
वाइफ फ्लू से बचने के उपाय
- वाइफ फ्लू से पीडि़त पति को अपनी श्रीमतीजी की तारीफ करते रहना चाहिए जिस से कि वायरस को अटैक करने का मौका कम मिल पाए.
- पति को श्रीमतीजी की हां में हां मिलानी चाहिए, जो कि ऐंटीबायोटिक्स की डोज का काम करता है, इस में कमी होने पर वायरस को मजबूत होने का मौका मिल जाता है.
- जब श्रीमतीजी की सहेलियां या मायके के लोग आएं तब भागदौड़ कर घर के काम करने चाहिए, जब वे लोग पति की तारीफ करें तब कुछ दिन तक वाइफ फ्लू कंट्रोल में रहता है.
- जब श्रीमतीजी मेकअप कर के बाजार जाएं तब एक कंधे पर झोला और दूसरे कंधे पर बच्चों को लादने में देरी नहीं करनी चाहिए इस में देरी होने पर श्रीमतीजी के क्रोध के साथ ही वायरस सक्रिय होने लगते हैं.
- जब वाइफ किसी सामान को पसंद कर रही हो व मोलभाव कर रही हो, तब बीच में टांग नहीं अड़ानी चाहिए.
- श्रीमतीजी के साथ बाजार जाते समय भरपूर पैसे रखने चाहिए और खर्च करने में कंजूसी नहीं दिखानी चाहिए.
- पीडि़त पति को अपने बचाव के लिए सुबह से शाम तक अपनी पत्नी के नाम का जाप करते रहना चाहिए.
- यदि दिन अच्छा नहीं हो तो औफिस से छुट्टी ले कर श्रीमतीजी की सेवा में दिन गुजार देना चाहिए.
वाइफ फ्लू पर हमारा शोध चरम पर था, तभी श्रीमतीजी की आवाज से हम फिर सहम गए.
‘‘चलो, जल्दी उठो, बहुत आलसी हो गए हो. आज इतवार है, इस का मतलब यह नहीं कि बिस्तर पर पड़े रहोगे.’’
घर के काम करते हुए, कपड़े सूखने डालने और उठाने के लिए हम बारबार छत पर जाते थे. वहां हमारी मुलाकात पड़ोस की मिसेज पिल्लई से हो जाया करती थी. एक दिन उन्होंने प्यार से कहा, ‘मिस्टर निरंजन, तुम बहुत हिम्मतवाला, तुम इतने दिनों से वाइफ फ्लू से बीमार होने के बाद भी कैसे दौड़दौड़ के काम करता. सच में अपुन को तुम्हारे जैसा हसबैंड मांगता…’
मिसेज पिल्लई की सहानुभूतिभरी बातों से हम गद्गद हो गए और बोले, ‘‘आप कोई चिंता नहीं करने का, जब आप बोलेगा, हम हाजिर होगा.’’
अब मिसेज पिल्लई का प्यार हमारे लिए ऐंटीबायोटिक की डोज हो गया था, जो हमें वाइफ फ्लू से निबटने की ताकत दे रहा था और हमारा अधिकतर समय छत पर गुजरने लगा.
एक दिन मिसेज पिल्लई की कामवाली रमिया बाई ने हमारी मुलाकातों वाली बात श्रीमतीजी को बता दी. हमारी श्रीमतीजी की मिसेज पिल्लई से नहीं पटती थी, अब हमारी और मिसेज पिल्लई की मुलाकात ने आग में घी का काम किया. बस, उसी दिन उन्होंने रमिया बाई को हमारी जासूसी और घर के काम के लिए रख लिया और हमें घरेलू कामों से आजाद किया. उस दिन के बाद से हमारा वाइफ फ्लू तो ठीक हो गया, लेकिन उस ने मिस्टर पिल्लई को जकड़ लिया.