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कहानी
बिन सजनी घर
आज दूसरा शनिवार था, औफिस की छुट्टी जो थी, देर तक सोने का प्लान किस कमबख्त ने भंग कर दिया.
Digital Team
,
Oct 11, 2019
भाग - 1
मौली थोड़े दिनों के लिए मायके क्या गई, समीर फूले गुब्बारे की तरह उड़ने लगा लेकिन पीछे से जब घर संभालने की बारी आई तो गुब्बारे की हवा फुस हो कर रह गई.
भाग - 2
‘‘हांहां डियर, बस, आता ही होगा चंदू. शायद वही आया, मैं बाद में बात करता हूं.’’ सच बोल कर मरता क्या, उस ने झट से झूठ बोल कर मौली के आगे अपनी साख बना ली.
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