रेखा का रोना देख कर राकेश खामोश हो गया, फिर बोला, ‘‘देखो, मैं तुम्हारा अपमान नहीं कर रहा, सिर्फ तुम से सचाई जानना चाहता हूं. अगर तुम मु?ो नहीं बताओगी तो मैं दीदी को फोन कर के पूछता हूं.’’
यह कहते हुए राकेश ड्राइंगरूम में रखे फोन की तरफ बढ़ गया.
इस से पहले कि राकेश अपनी दीदी का फोन नंबर मिलाता, रेखा ने पति का हाथ पकड़ते हुए कहा, ‘‘नहीं, तुम दीदी से कुछ मत पूछो, मैं ही तुम्हें सब बता देती हूं,’’ कह कर रेखा फिर रोने लगी.
कुछ देर बाद संयत हो कर रेखा बोली, ‘‘मैं ने सोचा था कि इंदू का विवाह शांतिपूर्वक हो जाए और दीदी के साथ किया मेरा वादा पूरा हो जाए कि मैं कभी किसी को कुछ नहीं बताऊंगी, पर तुम्हारे शक के आगे मैं हार गई हूं.’’
‘‘दीदी की बेटी इंदू के साथ क्या हुआ, तुम साफसाफ बताती क्यों नहीं?’’ हैरानपरेशान स्वर में राकेश ने कहा.
रेखा कुछ देर चुप रही. फिर धीरेधीरे बोली, ‘‘इंदू और राजीव एकदूसरे से प्रेम करते थे. इंदू राजीव पर बहुत भरोसा करती थी. एक साल तक उन दोनों के संबंध औपचारिक रहे थे, फिर धीरेधीरे अंतरंग बनते हुए दोनों के बीच पत्रव्यवहार, घूमनाफिरना, फिल्में देखना और सैरसपाटा चलता रहा. राजीव ने इंदू के साथ अपनी तरहतरह की तसवीरें भी खिंचवाई थीं.’’
‘‘अरे,’’ राकेश आश्चर्यचकित था.
‘‘इंदू, राजीव के प्रेम और विश्वास में पूरी तरह डूबी हुई थी कि राजीव उस से ‘प्यार’ के नाम पर शारीरिक सुख की मांग करने लगा. इंदू द्वारा बारबार मना करने पर वह भड़क गया और इंदू को धमकी देने लगा कि वह उस का विवाह अपने अलावा और कहीं नहीं होने देगा और अगर इंदू ने उस की बात मानने से इनकार किया तो वह उसे बदनाम कर देगा.