दिशा ने तरहतरह से समझाया तो परिमल ने उस का प्यार स्वीकार कर लिया. उस के बाद उन्हें जब भी मौका मिलता कभी पार्क में, कभी मौल में तो कभी किसी रेस्तरां में जा कर घंटों प्यारमोहब्बत की बातें करते. सारा खर्च दिशा ही करती थी. परिमल खर्च करता भी तो कहां से. उसे सिर्फ ₹50 प्रतिदिन पौकेट मनी मिलता था. उसी में घर से कालेज आनेजाने का किराया भी शामिल था.
2 महीने में ही दोनों का प्यार इतना अधिक गहरा हो गया कि एकदूसरे में समा जाने के लिए व्याकुल हो गए.
अंतत: एक दिन दिशा परिमल को अपनी एक दोस्त के फ्लैट पर ले गई.
दिशा का संपूर्ण प्यार पा कर परिमल उस का दीवाना हो गया. दिनरात लट्टू की तरह उस के आगेपीछे घूमने लगा. नतीजा यह हुआ कि पढ़ाई से मन फिर गया और दिशा के साथ सहेली के फ्लैट पर जाना अच्छा लगने लगा.
सहेली के मम्मीपापा दिन में औफिस में रहते थे. इसलिए उन्हें परेशानी नहीं होती थी. सहेली तो राजदार ही थी.
इस तरह दोनों का साथ 1 वर्ष तक रहा. उस के बाद अचानक दिशा को लगा कि परिमल के साथ अधिक दिनों तक रिश्ता बनाए रखने में खतरा ही खतरा है, क्योंकि वह उस से शादी की उम्मीद में था.
उस ने परिमल से मिलनाजुलना बंद कर दिया और कालेज के ही वरण से तनमन का रिश्ता जोड़ लिया. वह बहुत बड़े बिजनैसमैन का इकलौता बेटा था. सचाई का पता चलते ही परिमल परेशान हो गया. वह हर हाल में दिशा से शादी करना चाहता था.
दिशा ने उसे बात करने का मौका नहीं दिया तो उस ने कालेज में उसे बुरी तरह बदनाम कर दिया. मजबूर हो कर दिशा को उस से मिलना ही पड़ा.
पार्क में परिमल से मिलते ही दिशा गुस्से में उफन उठी, ‘‘मुझे बदनाम क्यों कर रहे हो. कभी कहा था कि तुम से शादी करूंगी?’’
‘‘अपना वादा भूल गईं. कहा था न कि हमारा मिलन हो कर रहेगा. तभी तो तुम्हारी तरफ अपना कदम बढ़ाया था,’’ परिमल ने उस का वादा याद दिलाया.
‘‘मैं ने मिलन की बात की थी शादी की नहीं. मेरी नजर में तन का मिलन ही असल मिलन होता है. मैं ने अपना सर्वस्व तुम्हें सौंप कर अपना वादा पूरा किया था. फिर शादी के लिए पीछे क्यों पड़े हो?
‘‘देखो परिमल, मेरा मानना है कि तन का संबंध किसी से भी बनाया जा सकता है पर शादी अपने से बराबर वालों से ही करनी चाहिए. तुम निहायत गरीब हो इसलिए तुम से किसी भी हाल में शादी नहीं कर सकती.’’
‘‘तुम अच्छे लगे थे इसीलिए संबंध बनाया था. अब हम दोनों को अपनेअपने रास्ते पर ही चलना चाहिए. ऐसी बात नहीं थी कि मेरी जिंदगी में आने वाले पहले पुरुष हो. तुम से पहले 5-6 लङकों से संबंध बना चुकी हूं. किसी ने भी शादी के लिए दबाव नहीं डाला था. तुम भी दबाव मत डालो.
‘‘यदि आज के बाद कभी परेशान करोगे तो तुम्हारे हक में अच्छा नहीं होगा. बदनामी से बचने के लिए कुछ भी कर सकती हूं.’’
दिशा का लाइफस्टाइल जान कर परिमल को इतना गुस्सा आया कि उस का गला दबा कर फांसी पर चढ़ जाने का मन हुआ. बड़ी मुश्किल से गुस्से को काबू में किया और उसे तरहतरह से समझाया पर उस पर कोई असर नहीं हुआ.
तब वह दिशा को यह धमकी दे कर चला गया कि उस से विवाह करने के लिए कुछ भी करना पड़ेगा तो करेगा.
दिशा घबरा गई. बदनाम नहीं होना चाहती थी. अत: भाई की मदद ली. उस का भाई पुलिस में उच्च पद पर था ही. उसे चाहता भी था. नमकमिर्च लगा कर उस ने परिमल को खलनायक बनाया और भाई से गुजारिश किया कि किसी भी मामले में फंसा कर उसे जेल भेज दे नहीं तो उस की जिंदगी वह बरबाद कर देगा.
परिमल को गिरफ्तार कर लिया गया. उस पर यह इलजाम लगाया गया कि उस ने कालेज की लङकी की इज्जत लूटने की कोशिश की थी.
अदालत में सारे झूठे गवाह पेश कर दिए गए। कहीं से लङकी का भी जुगाड़ हो गया. अदालत में उस का बयान हुआ तो 2-3 तारीख पर ही परिमल को 3 वर्ष की सजा हो गई.
परिमल तो हकीकत जानता ही था पर कर ही क्या सकता था. लंबी लड़ाई के लिए रुपए कहां से लाता. चुपचाप सजा काटना मुनासिब समझा.