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दीयों की चमक
दीवाली के दिन जब रमा अपने घर पहुंची तो लाखों दिए जल उठे, उसका पुरानी खुशियां वापस मिल गई.
भाग - 1
शादी के बाद घर मायका हो जाता है और ससुराल घर हो जाता है लेकिन रमा ब्याहने के बाद भी मायके को घर समझती रही और पति अवध से झगड़ कर कमसिन पुत्र के साथ वापस आ गई. भाभियां जो ननद पर प्यार उड़ेलती थीं अब हर वक्त उलाहने देतीं. फिर एक दिन.
भाग - 2
रमा को समझ नहीं आ रहा था कि उसकी वहीं भाभी है जो पहले रमा पर इतना सारा प्यार लुटाती थी लेकिन तलवार की तरह वार करती हैं सब.
भाग - 3
गर्भ में मुन्ना के आते ही अवध खुशी से झूम उठा. सासससुर, देवरननद ने रमा की बलैया ली. देखने वाले दंग. इतने वर्षों पश्चात घर में पहला बच्चा.
भाग - 4
एक दिन मुन्ना ने जब रमा से सवाल पूछा कि हमलोग पापा के साथ क्यों नहीं रहते तो रमा की आंखे खुली.
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