पिछले अंक में आप ने पढ़ा: 3 साल बाद अपनी प्रेमिका कामिनी को देख कर प्रभात हैरान था. प्रभात ने बताया कि उस ने अभी तक शादी नहीं की है. कामिनी ने उसे अपने घर बुलाया और उस की हर चाहत पूरी करने का भरोसा दिलाया. दरअसल, प्रभात की कामिनी से पहली मुलाकात कालेज में हुई थी. वह उस से प्यार करने लगा था, लेकिन तब कामिनी ने उस से कहा था कि वह नौकरी मिलने के बाद ही शादी करना चाहेगी. इस के बाद वह प्रभात के प्रस्ताव को बारबार टालती रही. इस से परेशान प्रभात ने कामिनी के साथ जिस्मानी रिश्ता बनाने का फैसला किया. अब पढि़ए आगे...

कामिनी गांव से लौट कर शहर आ गई. वह रोज कालेज आनेजाने लगी, तो प्रभात पहले की तरह उस से मिलनेजुलने लगा. कामिनी को प्रभात ने यह कह कर यकीन दिला दिया था कि जब वह कहेगी, तभी उस से शादी करेगा. 3 महीने बाद प्रभात को शहर में 3-4 घंटे के लिए एक फ्लैट मिल गया. फ्लैट उस के दोस्त का था. उस दिन उस के घर वाले कहीं बाहर गए हुए थे. दोस्त ने सुबह ही फ्लैट की चाबी प्रभात को दे दी थी.

उस दिन प्रभात कालेज के गेट पर समय से पहले ही जा कर खड़ा हो गया. कामिनी आई, तो उसे गेट पर ही रोक लिया. वह बहाने से अपने दोस्त के फ्लैट में ले गया. प्रभात ने जैसे ही फ्लैट के दरवाजे पर अंदर से सिटकिनी लगाई, कामिनी चौंक गई. वह उस की तरफ घूरते हुए बोली, ‘‘तुम ने दरवाजा बंद क्यों किया?’’ ‘‘मुझे तुम से जो बात करनी है, वह दरवाजा बंद कर के ही हो सकती है. बात यह है कामिनी कि जब तक मैं तुम्हें पा नहीं लूंगा, मुझे चैन नहीं मिलेगा. तुम तो अभी शादी नहीं करना चाहती, इसलिए मैं चाहता हूं कि शादी से पहले तुम मुझ से सुहागरात मना लो. इस में हर्ज भी नहीं है, क्योंकि एक न एक दिन तुम मेरी पत्नी बनोगी ही.’’

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