साल 2017 में एक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टीम इंडिया क्या साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी अपने इस विजय रथ की लहर को जारी रख पायेगी? यह सवाल आजकल हर तरफ पूछा जा रहा है. बेशक अगर इस साल का पन्ना उठा के देखा जाये तो टीम इंडिया की कई ऐसी अद्भुत पारी थी जो उनके उत्कृष्ट होने की गवाह थी. पर इनमे उन स्थितियों को नकारा नहीं जा सकता जिनमें सब कुछ अनुकूल होते हुए भी हार का सामना करना पड़ा था. इसमें पाकिस्तान के साथ खेली गयी पारी भी शामिल है.

खेले गए 29 मैच में से 21 में जीत दर्ज करने वाले टीम इंडिया के उतार चढ़ाव भरे करियर को देखते हुए, अफ्रीकी दौरे को लेकर टीम मैनेजर लालचंद राजपूत से पूछे गए सवाल के जवाब में उनका कहना था,” जिस तरह से भारतीय टीम खेल रही है, वह बेहद अच्छा है. विराट कोहली एक कप्तान होने के साथ साथ एक आक्रामक प्लेयर भी हैं. वह जो आक्रामकता दिखाते हैं, उसका असर अन्य खिलाडियों पर भी देखने को मिलता है. उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि वे किसी भी कीमत पर जीतना चाहते हैं और वे विरोधियों को कुचलने का साहस रखते हैं. ”

भारत क्रिकेट टीम जनवरी और फरवरी 2018 में दक्षिण अफ्रीका का दौरा करने के लिए तीन टेस्ट, छह वनडे अंतरराष्ट्रीय (वनडे) और तीन T-20 इंटरनेशनल (टी -20) मैच खेलेगी. पूर्व भारतीय कोच अनिल कुंबले ने विश्वासपूर्वक भविष्यवाणी की कि भारत दक्षिण अफ्रीका में इतिहास बना देगा.

कुंबले ने कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि जो टीम हमारे पास है वह निश्चित रूप से दक्षिण अफ्रीका में इतिहास बनाने के लिए आगे बढ़ेगी. राजपूत ने भारतीय गेंदबाजों को बेहद प्रभावी बनाया और 20 विकेट लेने और टीमों को मैच में महत्वपूर्ण दौरों में जीत दिलाने में मदद की.

मैच की रणनीति के बारे में पूछने पर लालचंद राजपूत का कहना था की, “एक टेस्ट मैच जीतने के लिए, हमें 20 विकेट लेने की जरूरत है. हमारे पास गेंदबाज हैं जो 20 विकेट ले सकते हैं. भुवनेश्वर कुमार शिखर पर है, उमेश यादव ने अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा, यदि विकेट से थोड़ी भी मदद मिली तो हमारे खिलाड़ी खतरनाक साबित हो सकते हैं.”

भारत के लिए चुनौतियां

इतनी सफलता के बावजूद, भारत के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं. उनका कोलकाता और धर्मशाला में श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला में दो हार का सामना हुआ.

मध्य क्रम शुरू से भारत का कमजोर बिंदु रहा है. जब शिखर धवन और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी जल्दी आउट होते हैं, तो अगले बल्लेबाजों में आने वाले खिलाड़ियों को चुनौती का सामना करना पड़ता है, जैसा कि पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्राफी फाइनल में था.

उम्मीद करते हैं टीम इंडिया का ये दौरा भी मील का पत्थर साबित होगा. यदि कोहली की कप्तानी में टीम यह श्रृंखला जीतती है, तो 2017 की उपलब्धियों में यह एक सुनहरा अध्याय होगा.

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