भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद कहा कि आलोचक अब उनकी टीम की कड़ी परिस्थितियों में मैच ड्रॉ कराने की क्षमता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. उनकी अगुवाई में भारत नेइंग्लैंड के खिलाफ पहला मैच ड्रॉ कराया.

कोहली ने नाबाद 49 रन की जुझारू पारी और रविंद्र जडेजा (32) ने मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि कम से कम हमें यह पता चला कि मैच कैसे ड्रॉ कराये जाते हैं. इससे पहले कुछ लोग निश्चित तौर पर इस बारे में आशंकित रहे होंगे कि क्या हमारी टीम जानती है कि मैच ड्रॉ कैसे कराने हैं. हमने या तो मैच जीते हैं या हमने मैच गंवाये.

कोहली ने कहा कि मैंने वहां पर रविंद्र जडेजा से कहा कि यह हम दोनों के पास अपने खेल के एक अन्य पहलू में सुधार करने का मौका है. हो सकता है कि भविष्य में टेस्ट मैचों में हम फिर से इस स्थिति में आएंगे. हमें फिर से अपना जज्बा दिखाना पड़ सकता है. यह चुनौतीपूर्ण स्थिति थी लेकिन कई मायनों में यह अच्छी भी थी.

भारतीय कप्तान ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह पिच पर घास देखकर हैरान हुए थे. उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो इतनी अधिक घास देखकर मुझे हैरानी हुई थी. ऐसा नहीं होना चाहिए था. कोहली ने हालांकि कहा कि पिच बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त थी और इसमें ऐसा कुछ नहीं था जैसा भारतीय विकेट गिरने के कारण बाहर से दिख रहा था.

उन्होंने कहा कि हमने तीसरे दिन से ही देखा था. आखिरी घंटे से स्पिनरों को मदद मिल रही थी. चौथे और पांचवें दिन भी पिच ऐसी रही. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पूरे दिन उसका मिजाज इस तरह का रहा. बीच में कुछ गेंद उछाल ले रही थी और यदि ऑफ स्पिनर हैं तो तीसरे दिन के बाद आपको विकेट लेने के लिए सही क्षेत्रों पर गेंद पिच करानी जरूरी थी. पहले दो दिन बल्लेबाजी के लिए वास्तव में अनुकूल थे.

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