जीतन देवी झारखंड के हेसेल गांव में अपने खपरैल के घर में अकेली रहती हैं. उनके पति सोमा प्रधान झाझा (बिहार) में नौकरी करते हैं. दो बेटियां रांची में हैं और एक के सिंगापुर से घर लौटने का इंतजार है. तीनों हॉकी खेलती हैं. इनमें से एक निक्की प्रधान ओलंपिक खेलने ब्राजील गईं थी.

वे उस विजेता टीम का भी हिस्सा थीं, जिसने सिंगापुर में चीन को हराकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है. भारतीय टीम में शामिल निक्की झारखंड की वैसी पहली महिला हॉकी खिलाड़ी हैं, जिन्हें ओलंपिक खेलने का मौका मिला. निक्की प्रधान को हेसेल गांव की लड़कियां अपना आदर्श मानती हैं.

इसी गांव की पुष्पा प्रधान अपने जमाने की मशहूर हॉकी खिलाड़ी रह चुकी हैं. वे साल 2004 के एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य थीं. उन्होंने 2002 में जोहांसबर्ग में हुए चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट में भी अच्छा प्रदर्शन किया था.

हेसेल झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिले का हिस्सा है. मुरहू प्रखंड के हेसा पंचायत के इस गांव में 70 घर हैं. इनमें करीब 375 लोग रहते हैं. इनमें से सिर्फ एक परिवार को छोड़ कर बाकी सभी घर आदिवासियों के हैं. यहां हर घर में कोई न कोई हॉकी खेलती है. गांव की आदिवासी लड़कियों में हॉकी का जबरदस्त क्रेज है.

यहां के कृष्णा मुंडु बिजनेस करते हैं. उन्होंने बताया कि यहां लड़कियों के हाथ में स्लेट से पहले हॉकी स्टिक पकड़ा दी जाती है. हेसेल की दर्जन भर लड़कियों ने राष्ट्रीय स्तर पर किसी न किसी हॉकी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है. इसी तरह 25-30 लड़कियों ने राज्य स्तरीय टूर्नामेंट खेला है.

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