आईसीसी महिला विश्व कप का फाइनल मैच लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया. खिताबी मुकाबले में मिताली राज की कप्तानी वाली भारतीय टीम को मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ 9 रनों से हार का सामना करना पड़ा.
इंग्लैंड की अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज सारा टेलर ने 62 गेंदों पर 45 रनों की पारी खेली, इस दौरान उनके बल्ले से एक भी बाउंड्री नहीं निकली. इंग्लैंड की पारी की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन 63 रनों तक तीन विकेट झटक कर टीम इंडिया ने मैच में वापसी की थी.
इंग्लैंड ने भारत के सामने जीत के लिए 229 रनों का लक्ष्य रखा और जवाब में भारतीय टीम 48.4 ओवर में 219 रनों पर ऑलआउट हो गई. एक समय 191 रन के स्कोर पर तीन विकेट था, लेकिन इसके बाद पूरी पारी 219 रनों पर सिमट गई.
मध्यक्रम का खराब प्रदर्शन (28 रन में गंवाए 7 विकेट)
टीम इंडिया की हार की सबसे बड़ी वजह मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों को पूरी तरह फ्लॉप रहना रहा. एक वक्त पर भारत का स्कोर 42.4 ओवर में 3 विकेट पर 191 रन था और टीम काफी मजबूत स्थिति में दिख रही थी. लेकिन 28 रन के अंदर बाकी की सातों प्लेयर पवेलियन लौट गईं. इन सात में से तीन बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल सकीं.
मांधाना का डक आउट होना
इंग्लैंड के खिलाफ ओपनिंग मैच में स्मृति मंधाना ने 90 रनों की शानदार पारी खेली थी, लेकिन इस मैच में वो खाता भी नहीं खोल सकीं. अन्या श्रूबसोल का पहला शिकार मंधाना ही थीं. मंधाना 4 गेंद पर बिना खाता खोले क्लीन बोल्ड हो गईं. भारत का स्कोर उस समय 5 रन था.
मिताली का दुर्भाग्यपूर्ण रनआउट
भारतीय पारी पहले विकेट के झटके से उबरती हुई नजर आ रही थी. स्कोर 40 रनों के पार पहुंच चुका था. पूनम राउत के साथ मिलकर मिताली अच्छी लय में भी नजर आ रही थीं. लेकिन तभी 13वें ओवर की पहली ही गेंद पर मिताली ने रन की कॉल दी और खुद क्रीच तक नहीं पहुंच सकीं.
पुच्छल्ले बल्लेबाजों के हाथ से निकली जीत
भारत को आखिरी 18 बॉल पर भारत को जीत के लिए 14 रन बनाने थे और 3 विकेट हाथ में थे. इस वक्त बल्लेबाजों को सिंगल्स लेते स्ट्राइक रोटेट करने की जरूरत थी. आखिरी ओवरों में सिंगल्स लेकर भी मैच आराम से जीता जा सकता था. लेकिन जीत के बेहद नजदीक पहुंचकर उन्होंने हड़बड़ी में अपने विकेट गंवा दिए.
सारा टेलर और स्काइवर की जोड़ी
लॉरेन विनफील्ड, टैमी बीमाउंट और कप्तान हीथर नाइट जैसी बल्लेबाज पवेलियन लौट चुकी थीं. 16.1 ओवर तक इंग्लैंड की टीम ने तीन विकेट के नुकसान पर 63 जोड़े थे. लेकिन इसके बाद सारा टेलर और नैटली स्काइवर ने मिलकर पारी को आगे बढ़ाया. सारा ने 45 रनों की पारी खेली और स्कोर को 146 रनों तक ले गईं. स्काइवर 51 रन बनाकर आउट हुईं. भारतीय टीम की हार का सबसे बड़ा कारण ये जोड़ी रही. इन दोनों ने ही इंग्लैंड की जीत की नींव रखी.
वर्ल्ड कप 2017 में टीम इंडिया ने 6 मैच जीते और 3 हारे.
कुछ ऐसा था टीम इंडिया का सफर.
– अपने पहवे ही मैच में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 35 रनों से हराया
– वेस्टइंडीज पर 7 विकेट से जीत मिली
– पाकिस्तान को 95 रनों से मात दी
– श्रीलंका को 16 रनों से शिकस्त दी
– द. अफ्रीका से 115 रनों से हार गए
– ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से हराया
-न्यूजीलैंड को 186 रनों से मात दी
– सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से शिकस्त दी
– फाइनल में इंग्लैंड ने 9 रन से हराया
जानें कप कौन सी टीम बनीं महिला वर्ल्ड कप की चैंपियन.
1973– इंग्लैंड
1978– ऑस्ट्रेलिया
1982– ऑस्ट्रेलिया
1988– ऑस्ट्रेलिया
1993– इंग्लैंड
1997– ऑस्ट्रेलिया विजेता
2000– न्यूजीलैंड विजेता
2005– ऑस्ट्रेलिया विजेता
2009– इंग्लैंड विजेता
2013– ऑस्ट्रेलिया विजेता
2017– इंग्लैंड विजेता