विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में भारत को पदक का इंतजार था. आखिरकार लास वेगास में 74 किलोग्राम फ्री स्टाइल वर्ग में 26 वर्षीय भारतीय पहलवान नरसिंह पंचम यादव ने कांस्य पदक जीत कर देश को 2016 रियो ओलिंपिक के लिए कोटा दिला दिया. नरसिंह ने कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले में फ्रांस के जेलिमरवान खादिजेव को हराया. दरअसल, 74 किलोग्राम भार वर्ग में 2 बार के ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को उतरना था लेकिन कंधे की चोट की वजह से ऐसा हो न सका और नरसिंह के ऊपर यह जिम्मेदारी थी और जीत दिला कर उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. अगले वर्ष रियो ओलिंपिक में देखना दिलचस्प होगा कि अनुभवी सुशील कुमार और नरसिंह पंचम में से 74 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, क्योंकि नियमों के अनुसार ओलिंपिक में स्थान देश के लिए पक्का माना जाता है न कि खिलाड़ी के लिए. इसलिए नरसिंह ने अगर पदक हासिल किया है तो ऐसा जरूरी नहीं है कि वही इस का प्रतिनिधित्व करेंगे.

भारतीय पहलवानों के लिए यह चिंता का विषय है कि वे विश्व चैंपियनशिप में अच्छा नहीं कर पाए. उन का निराशाजनक प्रदर्शन रहा और 2013 की विश्व चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक दिलाने वाले अमित कुमार क्वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंच सके. यही हाल 70 किलोग्राम भार वर्ग के अरुण कुमार और 125 किलोग्राम भार वर्ग के सुमित का भी रहा. अगर समय रहते ये अपनी कमियों को दूर कर लेते हैं तो शायद भारतीय पहलवानों के लिए भविष्य अच्छा रहेगा.

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