ब्राजील के रियो डि जिनेरियो में ओलम्पिक खत्म होने के बाद पैरालम्पिक शुरु हो रहा है. 7 से 18 सितंबर तक चलने वाले पैरालम्पिक खेलों में 19 सदस्यीय भारतीय दल हिस्सा ले रहा है.
अपने अब तक के सबसे बड़े दल के साथ भारत ब्राजीलियाई महानगर रियो डी जनेरियो की मेजबानी में शुरू हो रहे पैरालम्पिक खेलों में हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह तैयार है. रियो पैरालम्पिक में कुल 4300 पैरा एथलीट 23 खेलों में प्रतिस्पर्धा करते दिखेंगे.
भारत की तरफ से पदक की सबसे बड़ी उम्मीद भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया हैं. एथेंस पैरालम्पिक 2004 में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले झाझरिया का यह चौथा पैरालम्पिक है.
तींरदाजी के अलावा एथलेटिक्स, बोस्सिया, साइकिलिंग, पैरा कैनो, घुड़सवारी, फुटबाल (पांच खिलाड़ी और सात खिलाड़ी की टीम), गोलबॉल, जूडो, पैर-ट्रायथलॉन, पावरलिफ्टिंग, रोइंग, सेलिंग, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, वॉलीबाल, व्हीलचेयर बास्केटबाल, व्हीलचेयर तलवारबाजी, व्हीलचेयर टेनिस, व्हीलचेयर रग्बी जैसे खेल भी इस साल इन पैरालम्पिक खेलों का हिस्सा होंगे.
भारत ने अब तक इन खेलों में कुल आठ पदक अपने नाम किए है जिनमें दो स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं. इन आठ पदकों में से एक स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य एथलेटिक्स में मिले हैं. वहीं तैराकी और पावरलिफ्टिंग में एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक हासिल हुआ है.
भारतीय पैरालम्पिक टीम
पुरुष
मारियप्पन थांगावेलु (ऊंची कूद)
वरुण सिंह भाटी (ऊंची कूद)
शरद कुमार (ऊंची कूद)
रामपाल चाहर (ऊंची कूद)
सुंगर सिंह गुर्जर (भाला फेंक)
देवेंद्र झाझरिया (भाला फेंक)
रिंकू (भाला फेंक)
नरेंद्र रनबीर (भाला फेंक)
संदीप (भाला फेंक)
अमित कुमार सरोहा (क्लब थ्रो)
धर्मबीर (क्लब थ्रो)
अंकुर धामा (1,500 मीटर दौड़)
बाशा फरमान (पावरलिफ्टिंग)
सुयश नारायण जाधव (तैराकी)