भारतीय वन-डे और टी-20 टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी शायद इस बार ज़िम्बाब्वे ज़रूर जाएंगे, क्योंकि अगर वह इस दौरे पर नहीं गए, तो सारा साल घर पर बैठने के अलावा कुछ नहीं कर पाएंगे...
दरअसल, एमएस धोनी का ज़िम्बाब्वे जाना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि टीम इंडिया को इस साल सिर्फ ही पांच वन-डे मैच और खेलने हैं, तथा ज़िम्बाब्वे दौरे के बाद कोई टी-20 मैच तो होगा ही नहीं... सो, सूत्र बताते हैं कि धोनी ज़िम्बाब्वे दौरे पर ज़रूर जाएंगे, और बोर्ड से आराम की गुज़ारिश नहीं करेंगे...
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद खिलाड़ियों के पास दौरे चुनने का विकल्प बहुत कम रह जाता है, सो, पिछली बार वर्ष 2015 में जब भारतीय टीम ज़िम्बाब्वे गई थी तो बोर्ड के विकल्प देने पर धोनी ने आराम किया था, और उस वक्त टीम की कप्तानी अजिंक्य रहाणे को दे दी गई थी...
बोर्ड इस साल भी सीनियर खिलाड़ियों को आराम देने के बारे में सोच रहा है...बोर्ड इस साल भी उन सीनियर खिलाड़ियों को ज़िम्बाब्वे दौरे पर आराम देने के बारे में सोच रहा है, जो तीनों फॉरमैट में खेलते हैं, इसलिएए, दिसंबर, 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके धोनी का ज़िम्बाब्वे जाना इसलिए भी ज़रूरी है...
इस वक्त पूरी तरह फिट धोनी के लिए ज़िम्बाब्वे न जाने की कोई वजह फिलहाल नज़र नहीं आती, और अगर वह गए, तो यह 2005 के बाद उनका पहला ज़िम्बाब्वे दौरा होगा.
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