'हर सफल शुरुआत का एक हिस्सा चुनौती है, उसे आलिंगन कीजिए, स्वीकार कीजिए और उस पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध रहिए' यह अनिल कुंबले का मानना है. मैकेनिकल इंजीनियर बनने कि ख्वाहिश रखने वाले कुंबले ने लेग स्पिनर के रूप में पूरी दुनिया में नाम कमाया, भारत के सबसे शानदार गेंदबाज बने और अब टीम इंडिया के मुख्य कोच भी बन गए हैं.
जिस सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और लक्ष्मण के साथ खेलते हुए उन्होंने भारतीय टीम को कई मैच जितवाए, आज इन्हीं तीन खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के कोच के रूप में कुंबले के नाम मोहर लगाया. इसके साथ ही 16 साल बाद कोई भारतीय टीम इंडिया का कोच बना है.
करीब एक महीने तक चले सलेक्शन प्रॉसेस में अनिल कुंबले को रवि शास्त्री, संदीप पाटिल, वेंकटेश प्रसाद, टॉम मूडी समेत 56 क्रिकेटरों पर तरजीह दी गई. बीसीसीआई ने 23 मई को हेड कोच के लिए आवेदन मांगे थे. 57 पूर्व क्रिकेटरों ने इसके लिए आवेदन भेजा. इनमें से 21 लोगों का नाम सलाहकार समिति को भेजा गया.
सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति ने इनमें से करीब 10 लोगों का इंटरव्यू किया और अपनी रिपोर्ट बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को सौंप दी. इसके बाद लगभाग 18 महीने बाद टीम इंडिया को अनिल कुंबले के रूप में नया कोच मिल गया.
कुंबले के कॅरियर का पहला विकेट
अनिल कुंबले का क्रिकेट कॅरियर 9 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ मैंचेस्टर मैदान पर शुरू हुआ. कुंबले ने करियर का पहला विकेट ऐलेन लैंब को आउट कर लिया.
इस मैच में कुंबले ने 60 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए तीन विकेट हासिल किए थे. ये तीनों विकेट कुंबले ने पहली पारी में लिए थे. दूसरे पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिल पाया. इसके बाद दूसरे और तीसरे टेस्ट में भी कुंबले को तीन-तीन विकेट मिले और ये सारे ही विकेट उन्होंने पहली पारी में ही झटके.