आज की महिला किसी से कम नहीं हैं. वे हर क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए हुए है और अगर बात हो उन के लुक्स और शौपिंग की तो उन की खोजी नजर से कुछ भी बचना आसान नहीं होता. उन्हें पता होता है कि कहां अच्छे ब्यूटी प्रोडक्ट्स मिल रहे हैं और कहां कपड़ों की सैल लगी हुई है. इन सब मामलों में महिलाएं हमेशा ही नंबर वन रही हैं. पर कय आप को पता है कि महिलाएं गूगल सर्च इंजन में भी अपने मतलब की चीजें खोजने में पुरुषों से आगे हैं? चलिए, हम आप को बताते हैंः
हर मर्ज की दवा है गूगल
आज किसी भी चीज के बारे में कोई खास जानकारी लेनी हो तो हम सब गूगल की शरण में जाना अधिक पसंद करते हैं. गूगल में जहां पल भर में ही हमें जानकारी मिल जाती है वहीं हमारा अतिरिक्त समय भी जाया नहीं करता. आज गूगल हर मर्ज की दवा है और आप को जान कर हैरानी होगी कि औरतें यहां मर्दों से ज्यादा समय बिताती हैं.
गूगल रिपोर्ट के अनुसार, 35 से 44 साल के बीच की महिलाएं गूगल पर इसी आयु वर्ग के पुरुषों से ज्यादा समय इंटरनैट पर बिताती हैं. 2015 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार 15-24 आयु वर्ग और 24-35 आयु वर्ग की कामकाजी औरतों का दबदबा था लेकिन पुरुषों की अपेक्षा कम.
क्या सर्च करती हैं महिलाएं
महिलाएं गूगल सर्च इंजन पर अपने मतलब की 5 चीजें पहले सर्च करती हैं. वे निम्न हैंः
ब्यूटी प्रोडक्ट्स
इस में सब से पहली कैटिगरी में आते हैं ब्यूटी प्रोडक्टस. गूगल सर्च में ब्यूटी प्रोडक्ट्स तलाशने में महिलाओं की तादाद बढ़ी है और वे फैशन ऐक्सैसरीज तलाशने में भी पुरुषों से आगे हैं. इस तरह के सर्च करने के साथसाथ महिलाएं गूगल के अलावा औनलाइन स्टोर्स प भी ज्यादा समय बिताती हैं.
हैल्थ और फिटनैस
हैल्थ और फिटनैस से संबंधी लेख खोजने के मामले में भी महिलाओं के संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इस के अलावा औनलाइन रैसिपी ढूंढ़ने वाली महिलाओं की संख्या भी गूगल पर बढ़ी है.
फूड पौइंट और मनोरंजन
फूड पौइंट और मनोरंजन के साधन ढूंढ़ने में भी अब तक पुरुषों की तादाद ज्यादा थीं, लेकिन कुछ सालों के आंकड़ों ने महिलाओं को आगे दिखाया है.
मैट्रिमोनियल साइट्स
गूगल सर्च के अलावा मैट्रिमोनियल साइट्स पर भी औरतें औसतन ज्यादा समय बितती हैं. इस में दूसरे के प्रोफाइल चैक करने में बिताए गए वक्त में कुछ सालों की तुलना में इजाफा हुआ है.
पौर्न साइट्स
आप को यह जानकर हैरानी होगी कि वेबसाइट्स के अनुसार भारत में कुछ सालों में पौर्न पसंद करने वाली महिलाओं की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी हुई है. 2014 में जहां महिलाओं की भागीदारी 24% थी. वहीं 2015 में यह बढ़ कर 30% हो गई है. ये आंकड़े भारत के संदर्भ में हैं. ये डाटा 40 मिलियन यूजर वाले पौर्न हब से प्राप्त किया गया है.