हर कोई सफलता प्राप्त करना चाहता है, पर सफलता हर किसी को नहीं मिलती. इस का मतलब यह नहीं कि आप सफलता के लिए प्रयास ही न करें. अगर आप भी सफल होने का स्वप्न देखते हैं तो आप के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि आप सब से पहले अपने लक्ष्य का चुनाव करें, उस के बाद उस क्षेत्र में सफल हुए व्यक्तियों से बात करें जिस से आप को सही मार्गदर्शन मिल पाएगा.

लक्ष्य का निर्धारण कर लेने से श्रम एवं समय दोनों की बचत होती है. इस से दीर्घकालीन प्रेरणा और दृष्टि मिलती है. इस के जरिए आप अपने सीमित संसाधनों को अपने लक्ष्य के अनुसार समायोजित कर सकते हैं. नियमित रूप से छोटेमोटे लक्ष्यों का निर्धारण और उस की समीक्षा करने से आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि आप ने क्या कुछ हासिल किया. लक्ष्य निर्धारित करने से आप को यह निर्णय करने में मदद मिलती है कि आखिर जीवन में आप को करना क्या है? एक बार लक्ष्य निर्धारित हो जाने के बाद आगे जाने का मार्ग स्वत: दिखाई देने लगता है, जिस पर चल कर आप सफलता के द्वार खटखटा सकते हैं.

अब सवाल उठता है कि लक्ष्य का निर्धारण हम कैसे करें? और किन बातों का ध्यान रखें, जिस से कि हमें असफलता का मुंह न देखना पड़े. अपने जीवन का उद्देश्य बनाते समय सब से पहले खुद की क्षमता का आकलन कर लेना बहुत जरूरी है. हमें शेखचिल्ली के सपनों की तरह अपने जीवन का लक्ष्य नहीं चुनना चाहिए. यह हमेशा याद रखना चाहिए कि हम ने जो भी बनने का स्वप्न देखा है उसे पूरा करने की हमारी क्षमता कितनी और कैसी हैं. अगर आप अपना आकलन करने में अपनेआप को असमर्थ पा रहे हैं तो किसी सीनियर से इस विषय पर बात कर लेनी चाहिए. उक्त व्यक्ति अपने अनुभवों से आप को पूरी जानकारी दे सकेगा. इस जानकारी का उपयोग कर के आप खुद का मूल्यांकन कर सकते हैं. खुद का मूल्यांकन करना इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि आप को अपनी लड़ाई खुद लड़नी है.

 दूसरी बात लक्ष्य निर्धारण करते समय अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखना है. यह देख लें कि आप का परिवार आप की पढ़ाई, कोचिंग, ट्यूशन, किताबें, ट्रेनिंग जैसे तमाम खर्चे या जो आप बनना चाहते हैं उस से संबंधित खर्चे उठा सकता है या नहीं. इसलिए अपने लक्ष्य को अपने मातापिता को अवश्य बताएं और उन से सलाह लें कि वे आप की कितनी हैल्प कर सकते हैं.

अगर वे आप को आश्वस्त करते हैं कि पैसों की चिंता न करें तो आप पूरी तरह से अपनी तैयारी में लग जाएं. अगर आर्थिक रूप से वे असमर्थ हैं तो आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति के बारे में पुनर्विचार करें और साथ ही आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करने के लिए तैयार हो जाएं.

तीसरी और सब से जरूरी बात समय सीमा को समझना है. सभी के लिए समय एक समान होता है यानी 24 घंटे. इसलिए समय की कीमत किसी प्रकार से धन से कम नहीं है. इसलिए आप के पास संघर्ष करने के लिए एक निश्चित समय है. आप अपने सपने को पूरा करने के लिए कितना समय दे सकते हैं?

इस प्रश्न पर अवश्य विचार करें. इस बात का पता कर लें कि आप की फील्ड में लोग कितने समय में सफल होते हैं और सफल होने में उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. आप के पास अपने लक्ष्य को पाने के लिए कितना समय है? क्योंकि समय एक बार चला जाता है तो वह फिर लौट कर नहीं आता.

अगर आप किसी कारण से सफल नहीं हो पाते हैं तो क्या आप दूसरे किसी प्रोफैशन में लौट सकते हैं या नहीं? इसलिए अपना लक्ष्य चुनते समय यह भी सोच कर रखें कि आप असफल भी हो सकते हैं और आप को दो कदम पीछे भी लौटना पड़ सकता है. इसलिए पीछे कहां तक लौट सकते हैं उस लकीर का निर्धारण कर के रखें.

वैसे समझदारी इसी में है कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई छोटेछोटे लक्ष्यों का निर्धारण कर के रखें ताकि अगर एक में असफल हो जाएं तो दूसरे लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास किए जा सकें.

इस तरह से अगर आप इन महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखते हैं तो आप को शतप्रतिशत सफलता मिलेगी. वैसे हमें सफलता हमेशा मेहनत और लगन के कारण ही मिलती है. जिस गति से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं उसी गति से सफलता आप के कदम चूमती है, यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...