बहुजन समाज पार्टी के अरबपति नेता दीपक भारद्वाज ने रियल एस्टेट के कारोबार में बेशुमार दौलत कमाई और यही दौलत उन की मौत का कारण बनी. पढ़ेलिखे बेटे ने बाप की हत्या की सुपारी दे कर हमारे बदलते समाज की एक घिनौनी तसवीर पेश की है. बता रहे हैं किशोर नैथानी.

शानोशौकत की जिंदगी, समाज में बड़े रुतबे की चाहत, विरासत गंवाने का डर, आपसी रंजिश, प्रतिस्पर्धा, अवैध संबंध, धोखाधड़ी और लालच, ये कुछ ऐसे अनबु?ो सवाल हैं जिन का जवाब खुद दीपक भारद्वाज ही दे सकते थे. बहुजन समाज पार्टी के अरबपति नेता दीपक भारद्वाज की 24 मार्च को उन के फार्महाउस में पेशेवर शूटरों ने गोलियों से भून कर हत्या कर दी.

दीपक भारद्वाज हरियाणा के एक छोटे से गांव को छोड़ कर 70 के दशक में दिल्ली आ गए थे. बढ़ई के घर पैदा हुए दीपक का रियल एस्टेट का धंधा ऐसा चल पड़ा कि कुछ ही सालों में दौलत उन के कदम चूमने लगी. दीपक इसी मद में इतना चूर हो गए कि पहले उन्होंने नातेरिश्तेदारों से किनारा कर लिया और फिर मातापिता द्वारा दिया गया नाम देवी सिंह खाती को बदल कर दीपक भारद्वाज रख लिया.

घरपरिवार व रिश्तेदारों के लिए दीपक की गतिविधियां वर्षों तक रहस्यमय बनी रहीं. लेकिन जब 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सब से धनी प्रत्याशियों की सूची में देवी सिंह खाती की अखबारों में फोटो देखी, तो लोग हैरत में पड़ गए. बसपा उम्मीदवार के रूप में वे चुनावी मैदान में थे. उन्होंने अपनी आमदनी के जानकारी ब्योरे में 602 करोड़ रुपए की संपत्ति दर्ज की थी. वे सब से धनी प्रत्याशी के रूप में चर्चा में रहे थे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...