हर रोज़ अपनी मंज़िल पर पहुंचने के लिए लाखों लोग ‘दिल्ली मेट्रो’ का प्रयोग करते हैं, जिसे ‘दिल्ली की लाइफ़ लाइन’ भी कहा जाता है. इन लाखों यात्रियों में से कई तो ऐसे होते हैं जो लगभग रोज मेट्रो से ही अलग-अलग दिशाओं में सफ़र करते हैं. और मेट्रो में निरंतर होने वाली घोषणाओं (कृपया दरवाज़ों से हट कर खड़े हों’, अगला स्टेशन राजीव चौक है.) को रट भी लेते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी शायद ही इनमें से कोई व्यक्ति जानता होगा कि इन घोषणाओं के पीछे किस शख़्स की आवाज़ है.

हिंदी में पुरुष और अंग्रेजी में एक महिला की आवाज़ का जादू ‘दिल्ली मेट्रो’ में घोषणा के रूप में निरंतर सुनाई पड़ता है. आइये आपको बताते हैं, आखिर ये बेहतरीन आवाज़ें किनकी हैं.

शम्मी नारंग

दिल्ली मेट्रों में यात्रा के दौरान जिस पुरुष की आवाज़ आपको निरंतर हिन्दी में सुनाई देती है, वो आवाज़ आईआईटी दिल्ली से स्नातकोत्तर शम्मी नारंग की है.

आईआईटी कैंपस में हुई एक घटना ने शम्मी नारंग के जीवन कि दिशा को ही बदल दिया था. नारंग उस समय 19 वर्ष के थे. और वे कैंपस में इधर-उधर टहल रहे थे, कि अचानक उन्हें एक विदेशी इंजीनियर ने माइक्रोफ़ोन के ध्वनि परीक्षण के लिए बुलाया और माइक्रोफ़ोन में नारंग को कुछ भी कहने का आदेश दिया. जब नारंग ने माइक्रोफ़ोन पर कुछ शब्द कहे, तो वो विदेशी इंजीनियर हैरान रह गया, जिसके बाद उसने शम्मी नारंग को 'Voice of America' के हिन्दी विभाग में मौका दिया. वह संयुक्त राज्य अमेरिका के सूचना सेवा (यूएसआईएस) में तकनीकी निर्देशक था.

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