पत्नी के जाल में हलाल हुआ पति: भाग 1
अब आगे पढ़ें
एक रोज रानी की नजर बबलू से टकरा गई. बबलू गांव का दबंग युवक था और अपराधी भी. उस पर एक दरजन से अधिक मुकदमे दर्ज थे. उस की तलाश में अकसर पुलिस गांव में आती रहती थी. लेकिन उस के खौफ से कोई गांव वाला जुबान नहीं खोलता था.
उस दिन बबलू आया तो था प्रवीण से मिलने, लेकिन उस का सामना हो गया उस की खूबसूरत बीवी रानी से. पहली ही नजर में रानी बबलू के मन में रच बस गई. बबलू को देख कर रानी के मन में भी उथलपुथल होने लगी.
रानी की खूबसूरती ने बबलू को बेचैन किया तो वह उस से नजदीकियां बनाने के उपाय खोजने लगा. उस ने प्रवीण से दोस्ती कर ली. उस से मिलने उस के घर आने लगा. इतना ही नहीं, उस ने प्रवीण को शराब की लत भी लगा दी तथ उस की आर्थिक मदद भी करने लगा. प्रवीण, बबलू के अहसानों तले इतना दब गया कि उस का प्रवीण के घर बेरोकटोक आनाजाना होने लगा. कभीकभी पुलिस उस के पीछे पड़ती तो वह प्रवीण के घर में छिप भी जाता था.
घर आतेजाते बबलू अकसर रानी के हुस्न की तारीफ करता तो रानी फूल कर गदगद हो जाती. बबलू रानी से छोटा था, इसलिए वह उसे भाभी कहता था. इस नाते वह उस से हंसीमजाक करता था. रानी को यह सब अच्छा लगता था. वह भी बबलू से खुल कर हंसीमजाक कर लेती थी. कभीकभी तो दोनों की हंसीमजाक सामाजिक मर्यादा तोड़ने पर उतारू हो जाती थी.
इस के बाद बबलू ने प्रवीण की गैरमौजूदगी में भी उस के यहां जाना शुरू कर दिया. एक दिन बातों ही बातों में रानी ने जैसे ही अपने पति की बेरुखी का बखान किया, वैसे ही बबलू ने उस का हाथ थामते हुए कहा, ‘‘भाभी, तुम क्यों चिंता करती हो, मैं तुम्हारा खयाल रखूंगा. आज से तुम्हारे सारे दुख मेरे हैं और मेरी सारी खुशियां तुम्हारी.’’
‘‘सच बबलू…’’ रानी ने मुसकरा कर पूछा.
‘‘हां भाभी, बिलकुल सच. कभी मुझे सेवा का मौका तो दो.’’ वह बोला.
‘‘तो कल शाम ढलते ही आ जाना. मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी.’’ रानी मुसकरा कर बोली.
रानी की बात सुन कर बबलू बहुत खुश हुआ. उस दिन वह अपने घर न जा कर डकोर चला गया. वहां उस का एक अपराधी साथी लाखन रहता था. वह रात उस ने लाखन के घर पर करवटें बदलते गुजारी.
रात भर वह रानी के खयालों में डूबा रहा. सुबह वह देर से जागा. दोपहर बाद उस ने लाखन के साथ होटल में खाना खाया फिर शाम को रानी के घर जा पहुंचा. रानी उसी का इंतजार कर रही थी. बबलू ने पहुंचते ही रानी को अपनी बांहों में समेट लिया, ‘‘आज तो तुम हुस्न की परी लग रही हो, जी चाहता है कि…’’
‘‘मैं भी तुम्हारे इंतजार में पलकें बिछाए बैठी थी.’’ रानी बोली.
इस के बाद दोनों ने इत्मीनान से हसरतें पूरी कीं.
अवैध रिश्तों का यह सिलसिला एक बार शुरू हुआ तो फिर इस ने रुकने का नाम नहीं लिया. जब भी दोनों को मौका मिलता, एकदूसरे की बांहों में सिमट जाते. चूंकि बबलू अपराधी था और रात को ही आता था, अत: दोनों के संबंधों की भनक किसी को नहीं लग पाती थी.
प्रवीण ने अपना बसेरा खेतों पर बना लिया था. दरअसल, आवारा जानवर तथा नीलगाय खड़ी फसल को रात में रौंद डालते थे. इसलिए फसल की रखवाली के लिए वह रात में खेत पर चला जाता था. खेत के किनारे उस ने छप्पर डाल रखा था. चारपाई व बिस्तर लगाकर वह छप्पर के नीचे सोता था.
दिन में तो वह कुछ समय के लिए घर पर रहता था, लेकिन शाम ढलते ही खाना खा कर खेत पर चला जाता था. प्रवीण को वैसे भी सैक्स में रुचि नहीं रह गई थी. अत: वह पत्नी के प्रति लापरवाह हो गया था.
प्रवीण की इसी लापरवाही का बबलू और रानी भरपूर फायदा उठाते थे. दोनों एकदूसरे के इस कदर दीवाने बन गए थे कि उन्हें बिना मिले चैन नहीं मिलता था. दोनों बेहद सतर्कता बरतते थे, पर इस के बावजूद एक रोज उन का भांडा फूट गया.
उस रोज शाम को प्रवीण खाना खा कर घर से निकला तो कुछ देर बाद बबलू आ गया. आते ही बबलू ने रानी को बांहों में भरा और बिस्तर पर ले गया. उसी समय प्रवीण घर आ गया. उस ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया. दरअसल प्रवीण अपनी तंबाकू चूने वाली चुनौटी घर में भूल गया था. उसे लेने ही वह घर आया था. लापरवाही में रानी दरवाजा बंद करना भूल गई थी.
रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद बबलू तो चला गया लेकिन रानी कहां जाती. उस ने रानी की जम कर धुनाई कर डाली फिर बड़बड़ाता हुआ खेत पर चला गया. इस के बाद जब भी प्रवीण को शक होता, वह रानी को रूई की तरह धुन देता. कभीकभी तो बातबेबात भी पीट कर अपना गुस्सा उतार देता.
ये भी पढ़ें- मौजमौज के खेल में हत्या
विषम स्थिति तो उस दिन बन जाती, जिस दिन वह शराब ज्यादा पी लेता था. उस दिन वह हैवान ही बन जाता. रानी को वह इतना पीटता कि उस का शरीर ही काला कर देता.
दरअसल, बबलू दबंग व अपराधी था. प्रवीण उस का सामना नहीं कर सकता था. अत: वह सारा गुस्सा पत्नी पर ही उतारता था. रानी पति के जुल्मों से परेशान हो चुकी थी.
एक रात जब बबलू रानी से मिलने आया तो रानी ने उस से कहा, ‘‘तुम तो यहां से चले जाते हो. पर मुझ पर क्या बीतती है, यह मैं ही जानती हूं. मेरा पति मुझे मारमार कर मेरा शरीर काला कर देता है. मैं कमरे में पड़ी आंसू बहाती रहती हूं. तुम्हें मेरी फिक्र है ही नहीं. अब मैं तुम से तभी बात करूंगी, जब उस हैवान को मिटा दोगे.’’
‘‘ठीक है रानी. मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर है.’’ बबलू ने रानी को भरोसा दिया.
बबलू का एक अपराधी दोस्त था लाखन. वह मूलरूप से कानपुर देहात जिले के शिवली कस्बे का रहने वाला था. कानपुर देहात पुलिस ने उस पर शिकंजा कसा तो वह जालौन आ गया था. यहां उस ने उरई तथा डकोर में अपना ठिकाना बना लिया था.
वह बबलू के साथ मिल कर अपराध करता था. बबलू ने अपनी समस्या लाखन को बताई तो वह उस का साथ देने को तैयार हो गया.
9 जुलाई, 2019 की रात 10 बजे लाखन और बबलू ट्रैक्टर ट्रौली ले कर चिली गांव हो कर प्रवीण के खेत के पास पहुंचे. वे ट्रैक्टर ट्रौली लाखन के दोस्त की थी जो उस में गांव से अनाज भर कर उरई मंडी लाता था. उस दिन वह अपनी ट्रैक्टर ट्रौली लाखन के पास छोड़ गया था.
ट्रैक्टर को उन्होंने सड़क किनारे खड़ा कर दिया, फिर हाथ में शराब की 2 बोतलें ले कर प्रवीण के पास पहुंचे. प्रवीण उस समय चारपाई पर लेटा था. बबलू को देख कर वह चारपाई से उठा और बोला, ‘‘बबलू, तुम इस वक्त? क्या पुलिस तुम्हारा पीछा कर रही है?’’
‘‘नहीं प्रवीण भाई, पुलिस पीछा नहीं कर रही. मैं अपने साथी लाखन के साथ इधर से गुजर रहा था, सो तुम्हारी याद आ गई. दवाई साथ में है, सोचा कि तुम्हें भी पिलाता चलूं.’’ बबलू ने शराब की बोतलों की तरफ इशारा करते हुए कहा.
शराब की बोतल देख कर प्रवीण के मुंह में पानी आ गया. वह बोला, ‘‘बबलू, तुम ने यह अच्छा किया, जो यहां आ गए. पैसे न होने की वजह से मैं ने कई दिनों से नहीं पी थी.’’
इस के बाद महफिल जमी और तीनों ने शराब पी. शराब पी कर प्रवीण कुमार जब मदहोश हो गया, तब बबलू ने इशारा कर के लाखन से ट्रैक्टर ट्रौली में रखी कुल्हाड़ी मंगा ली. इस के बाद लाखन ने प्रवीण को जमीन से उठा कर चारपाई पर पटक दिया और बबलू ने कुल्हाड़ी से सिर व चेहरे पर वार कर प्रवीण को मौत के घाट उतार दिया.
सबूत मिटाने के लिए बबलू और लाखन ने प्रवीण का शव बिस्तर सहित चारपाई को ट्रौली पर रखा और कुछ दूर जा कर एक खेत के किनारे आम के पेड़ के नीचे उस की लाश फेंक दी.
इस के बाद मलीहा गांव से पहले एक सूखे कुएं में बिस्तर व चारपाई डाल दी. इस के बाद लाखन ट्रैक्टर ट्रौली ले कर डकोर चला गया और बबलू रात के अंधेरे में रानी के पास.
उस ने रानी को बता दिया कि उस ने शर्त पूरी कर दी है. रास्ते का कांटा हमेशा के लिए निकाल दिया. पति की हत्या की बात सुन कर रानी बहुत खुश हुई.
अगले दिन 10 जुलाई की सुबह चिली गांव के लोगों ने प्रवीण की लाश देखी. इस के बाद की गई पुलिस काररवाई में केस का परदाफाश हुआ और कातिल पकड़े गए.
14 जुलाई, 2019 को थाना डकोर पुलिस ने अभियुक्त बबलू, लाखन तथा रानी को जालौन की उरई कोर्ट में रिमांड मजिस्ट्रैट के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जिला कारागार भेज दिया गया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित