सरकार पैन कार्ड के कई तरह के फायदे गिनाती है. परंतु अगर आप पूरी तरह सावधानी नहीं बरतेंगे तो आपको नुकसान भी हो सकता है. सरकार ने पैन कार्ड जनता के लाभ के लिए नहीं, उसके पैसों की निगरानी के लिए बनाया है. अगर आप बैंक या कहीं भी 50,000 रुपए से ऊपर के लेनदेन करते हैं तो आपको पैन कार्ड की डिटेल देनी जरूरी हो गई है.
इसका मतलब यह है कि जैसे ही 50 हजार रुपए से ऊपर के लेनदेन करेंगे, सरकार की नजर में आ जाएगा. हर तरह के लेनदेन में पैन कार्ड को जरूरी कर दिया गया है. बैंक में खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड सबसे जरूरी हो गया है. किसी कंपनी में नौकरी करने के लिए जब फौर्म भरा जाता है तब भी पैन कार्ड की जरूरत होती है.
पैन कार्ड को पहचानपत्र के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो आपके पास पैन कार्ड होना जरूरी है. अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं होगा तो आप बहुत से ऐसे सरकारी लाभ हैं जो आप नहीं ले पाएंगे.
पैन नंबर का इस्तेमाल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आवश्यक होता है. अगर आप 50 हजार रुपए से अधिक की गाड़ी खरीद रहे हैं या बेच रहे हैं तो आपको पैन कार्ड की आवश्यकता अवश्य पड़ेगी. 5 लाख रुपए से अधिक की ज्वैलरी खरीदते हैं तो दुकान को खरीदारी के समय आपको पैन कार्ड की डिटेल देनी अनिवार्य है.
इसी तरह से आप किसी तरह की बीमा योजना का लाभ लेते हैं या बीमा में निवेश करते हैं तो आप के पास पैन कार्ड अवश्य होना चाहिए. म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट में निवेश करने हेतु भी आपके पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है. क्रैडिटव डैबिट कार्ड के आवेदन करना चाहते हैं तो आपको पैन कार्ड देना आवश्यक होता है. इस तरह से कोई भी आर्थिक लेनदेन बिना पैन कार्ड के नहीं कर सकते हैं.
पैन कार्ड की लिंकिंग
पैन कार्ड का प्रयोग आर्थिक लेनदेन तक सीमित रहता, तब भी कोई बात नहीं थी. अब पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कर दिया गया है. आधार कार्ड का प्रयोग हर जगह होने लगा है क्योंकि यह पते के प्रमाणपत्र के रूप में देखा जाता है. पैन कार्ड के इससे लिंक होने से आर्थिक अपराध या साइबर फ्रौड करना सरल हो गया है. आधार नंबर, पैन नंबर और फोन नंबर एकसाथ लिंक होते ही फ्रौड करना बेहद सरल हो जाता है. एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मिलने की देर होती है, फ्रौड करने वाले आप के बैंक से आप का पैसा निकाल सकते हैं.
पैन नंबर को हैक करके फाइनैंशियल डिटेल या आर्थिक जानकारी आसानी से ली जा सकती है. अगर आप ने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है तो पैन कार्ड को बंद किया जा सकता है जिससे आपको आर्थिक व अन्य कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ता है. कभी भी एक से ज्यादा पैन कार्ड नहीं रखना चाहिए अन्यथा आपको जुर्माने के साथसाथ जेल भी हो सकती है. पैन कार्ड बनवाते समय अपनी पूरी जानकारी सहीसही देनी चाहिए वरना आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
खो जाने पर
पैन कार्ड खो जाने की स्थिति में उसका गलत प्रयोग किया जा सकता है. अगर आप का पैन नंबर दूसरे के हाथ में लग जाए तो उससे वह अधिक पैसे का लेनदेन कर सकता हैऔर डिपार्टमैंट आपसे उस अधिक पैसे के स्रोत के बारे में जानकारी मांग सकता है. जानकारी न दे पाने पर ऐसी स्थिति में आपको जेल हो सकती है. पैन कार्ड का गलत प्रयोग करके आपका पूरा डाटा लीक हो सकता है. आप बैंक से जितने भी लेनदेन करते हैं या पैन कार्ड का प्रयोग करके लेनदेन करते हैं, उन की पूरी जानकारी पैन कार्ड में सबमिट होती रहती है, जिसका पूरा डाटा सरकार के पास होता है. इस प्रकार कहें तो आप का लेनदेन सरकार की नजर में होता है.
इस में शक नहीं कि पैन कार्ड बनवाना/रखना जरूरी व फायदेमंद है लेकिन इस के नुकसान भी कम नहीं हैं अगर इस की सार-संभाल में गलती हो गई तो.