खगङिया, बिहार के एक गांव की रहने वाली रजनी पिछले 10 सालों से वाराणसी में रह रही हैं. उन के 2 बच्चे हैं. पति वहीं सरकारी कर्मचारी हैं. बच्चों और पति के साथ रजनी बेहद खुश हैं पर शादी के दिनों को वे याद नहीं करना चाहतीं.

कहते हैं, किसी भी लङकी के लिए शादी के दिनों की मीठी यादों को वह ताउम्र सहेज कर रखना चाहती है. अलबमों में तसवीरों को सालों बाद देख कर वह रोमांचित होती है. रजनी आज भले अपने ससुराल में खुश हैं मगर शादी की बात पर ही वे सिहर उठती हैं.

दरअसल, जब वे 19 साल की थीं तो एक लङके के साथ उन की जबरन शादी करा दी गई थी. इस के 4-5 सालों तक वे दुलहन बन कर तो थीं पर पति और ससुराल वाले उन्हें  अपनाने को तैयार नहीं थे.

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बेटी की खातिर जमीन बेच दी

ससुराल के लोगों और खासकर पति पर कुछ लोगों का दबाव पङा और खुद लङकी के पिता जब बारबार हाथपैर जोङने लगे तब कहीं जा कर वे लङकी को अपनाने को तैयार हुए मगर तब जब उन्होंने दहेज में मोटी रकम और एक मोटरसाइकिल न ले ली.

लङकी के पिता किसान थे और 2-3 बीघे जमीन से खेती कर घर चलाते थे पर बेटी की खातिर उन्हें 2 बीघा जमीन तक बेचनी पङी.

मगर मधुबनी की रहने वाली पूजा इन की तरह 'खुशनसीब' नहीं निकलीं. पूजा की शादी भी 5-7 साल पहले एक लङके के साथ करा दी गई थी मगर उन्हें न तो पति ने स्वीकार किया न ही ससुराल वालों ने.

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