स्वस्थ रहने के लिए सुबह स्वच्छ और ठंडी हवा में वाक की सलाह हर डाक्टर देता है. बुजुर्ग लोग अकसर जल्दी उठ कर मौर्निंग वाक के लिए निकल जाते हैं. सेहत के प्रति सजग युवा और सेना और पुलिस में भर्ती की आकांक्षा पाले लोग भी मुंहअंधेरे ही घर से जौगिंग के लिए निकल पड़ते हैं. लेकिन सुबह की वाक आप की जान के लिए कितनी खतरनाक हो गई है, इस बारे में एनसीआरबी के आंकड़ें देख कर आप चौंक जाएंगे.

2021 में देश में 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिस में 1,53,972 लोग मारे गए. अगले वर्ष 2022 में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिस में 1,68,491 लोग माए गए. यानी मौतों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई. मरने वालों में अधिकांश 18 से 45 साल के युवा थे.

पश्चिम चम्पारण के बेतिया नगर थाना क्षेत्र में 17 नवंबर की सुबह मौर्निंग वाक पर निकले 55 वर्षीय बृजमोहन पटेल की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. किसी अज्ञात वाहन ने उन्हें कलेक्ट्रेट चौक के समीप रौंद दिया. सुबह चूंकि सड़कें सूनी थीं, कोई आवाजाही नहीं थी इसलिए किसी को नहीं पता चला कि पटेल को किस गाड़ी ने मारा.

लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क के पास 21 नवंबर की सुबह एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव का 10 साल का इकलौता बेटा नैमिष स्केटिंग प्रैक्टिस करने के बाद घर लौट रहा था, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उस को जोरदार टक्कर मारी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि नैमिष करीब 15 फुट ऊपर उछल गया और जमीन पर गिरते ही उस की मौत हो गई. उस की मां श्वेता श्रीवास्तव उस के साथ ही थीं. वे भी सुबह उस के साथ मौर्निंग वाक के लिए जाती थीं.

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