उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है. जो हिन्दूओं की रक्षा का दम भरती है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकार की नाक के नीचे 18 अक्टूबर कर दोपहर हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या दिनदहाड़े घर में घुरकर हत्या कर दी गई. कमलेश तिवारी का घर लालकुआ के खुर्शिदबाग में भीडभाड वाली जगह पर था.

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद हत्यारे आराम से फरार हो गये. लखनऊ पुलिस कमलेश हत्याकांड को आईएसआईएस के इस्लामिक जेहाद से जोड जांच कर रही है. घटना में उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात, पंजाब और नेपाल तक बिखरी कड़ियों को मिला रही है. 22 अक्टूबर हत्या के 5 दिन के बाद भी गुजरात एटीएस ने हत्यारों अशफाक और पठान मोइनीउउदीन को पकड़ने में सफलता पाई. कमलेश तिवारी की मां कुसुमा तिवारी हत्याकांड में सीतापुर के भाजपा नेता शिवकुमार गुप्ता का नाम ले रही थी. पुलिस ने मां के सीधे आरोप के बाद भी भाजपा नेता से पूछताछ तक नहीं की है.

कमलेश तिवारी की हत्या बहुत ही आराम से की गई. भगवा रंग के कुर्ते पहने दोनो युवक अशफाक और पठान मोइनीउउदीन उनके घर पंहुचें. मिठाई के डिब्बे में चाकू और पिस्तौल छिपाये हुये थे. दोपहर पौने 12 बजे दोनो वहां पहुचे. कमलेश से मुस्लिम लड़की की हिन्दू लडके से शादी कराने के मसले में दखल देने की बात कर रहे थे. इस बीच कमलेश से दोनो दही बड़ा खिलाया. कमलेश की पत्नी उनको चाय दे गई. चाय देने के बाद कमलेश ने पार्टी कार्यकर्ता सौराष्ट्र सिंह को सिगरेट और पान मसाला लेने नीचे दुकान तक भेजा. जब वह वापस आया तब तक दोनो युवक चाकू से गला रेत कर फरार हो चुके थे. चाकू से गला रेतने के बाद शरिर पर पीठ और पेट कर तरफ चाकू से वार के कई घाव थे. इसके बाद भी कमलेश जिंदा ना रह जाये इसलिये पिस्तौल से भी गोली मारी थी.

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